देश में लोकतंत्र को दफन करने की हो रही है साजिश : हरीश रावत

0
914

जिन लोगों के हाथ में सत्ता है, वे विपक्ष को नष्ट कर देना चाहते हैं : हरीश रावत 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने देश की सरकार पर विपक्ष को नेस्तनाबूद करने और विरोध की हर आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह हर उस स्वर को दबाना चाहती है जो उसकी कमियों को जगजाहिर करती हो,उन्होंने कहा अब राजस्थान में भी लोकतंत्र दफन करने की साजिश रची जा रही है ।
देहरादून स्थित अपने आवास से सोशल मीडिया फेसबुक पर जारी अपनी पोस्ट में रावत ने ‘स्पीकअप फॉर डेमोक्रेसी’ (लोकतंत्र के लिए आवाज उठाओ) को सर्व स्वीकार्य मुहिम के रूप में संचालित करने की जरूरत बताते हुए कहा, आज जिन लोगों के हाथ में सत्ता है, वे विपक्ष को नष्ट कर देना चाहते हैं, वे विरोध की हर आवाज को दबा देना चाहते हैं, वे हर उस स्वर को कुचल देना चाहते हैं, जो उनकी गलतियों को इंगित करने का काम करता है।
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा आज लोकतंत्र बचाओ एक सर्व स्वीकार्य मुहिम के रूप में संचालित करने की आवश्यकता पड़ गई है। हमारे वेदों ने हमको लोकतांत्रिक पद्धति सिखाई है और देश की आजादी ने हमको संसदीय लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया और अनंतोगत्वा स्वतंत्र भारत ने बहुदलीय प्रणाली को अपनाया और देश संसदीय लोकतंत्र के साथ दुनिया के लिए उदाहरण बना।
उन्होंने कहा आज जिन लोगों के हाथ में सत्ता है, वो विपक्ष को नष्ट कर देना चाहते हैं, वो विरोध की हर आवाज को दबा देना चाहते हैं, वो वह हर उस स्वर को कुचल देना चाहते हैं, जो स्वर उनकी गलतियों को इंगित करने का काम करता है, उस पर अपनी बात कह रहा है। आख़िर लोकतंत्र की संरक्षक भारत की जनता है, इसलिये आज कांग्रेस #SpeakUpForDemocracy के साथ आपके दरबार आयी है, आपके पास आयी है, जो कुछ राजस्थान में हो रहा है, क्या आपको नहीं लगता, संसदीय लोकतंत्र के कुछ बचे-खुचे नॉर्म्स बाकी रह गये हैं, तो उनको वहां गड्ढे में दफन करने की साजिश की जा रही है, मुख्यमंत्री अपना बहुमत सिद्ध करना चाहते हैं, कैबिनेट को अधिकार है कि वो कभी भी संसद सत्र आहूत करने का महामहिम राज्यपाल से अनुरोध कर सकते हैं। कौन है जो महामहिम राज्यपाल को राजस्थान विधानसभा के विधानसभा सत्र को आहूत होने से रोक रहा है!
उन्होंने कहा मैं बधाई देना चाहता हूं, अशोक गहलोत जी ने इस बिंदु पर बहुत दृढ़ता से अपनी बात कही है और उन्होंने जो यह भी निश्चय किया है कि हम प्रधानमंत्री आवास पर भी आवश्यकता पड़ेगी तो धरना देंगे, हजारों-लाखों लोग उनके साथ हैं, इस संघर्ष में। आप किसी भी पार्टी को तोड़ने के लिये धन-बल का प्रयोग और सीबीआई से लेकर के ईडी, इनकम टैक्स, आईबी सारी जितनी संस्थाएं हैं, वो संस्थाएं विपक्ष को नष्ट करो, विपक्ष के नेतृत्व को नष्ट करो, इस काम में लग गई हैं। राजस्थान में नग्न रूप से यह सब कुछ दिखाई दे रहा है, जिस तरीके की छापेमारियां हो रही हैं, वो इस संदेश को साफ-साफ दे रही हैं साफ-साफ दे रही हैं और जो संदेह लोगों के मन में है कि, केंद्र सरकार येन-केन प्रकारेण अशोक गहलोत जी की सरकार को गिरा देना चाहती है, उसकी पुष्टि हुई है और यह सिलसिला कोई नया नहीं है,
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा अरुणाचल प्रदेश में यह सिलसिला प्रारंभ किया गया था, उत्तराखंड में उस प्रयोग को दोहराया गया था, माननीय सर्वोच्च न्यायालय और उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय ने उत्तराखंड में लोकतंत्र बचाया, एक सबक सिखाया केंद्र की सरकार को भले ही आज भी मुझको उसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है, लेकिन लोकतंत्र में थोड़ी देर के लिये सत्ता की ज्यादतियां रोकी, मगर कर्नाटक से फिर से सिलसिला शुरू कर दिया गया, कर्नाटक में जिस तर्ज पर सरकार गिराई गई और भाजपा का बहुमत बनाया गया, वहीं मध्यप्रदेश में भी दोहराया गया, जब मध्य प्रदेश कोरोना वायरस से लड़ रहा था और उस समय केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश की सरकार को गिराने की साजिश कर रही थी और इसीलिये लॉकडाउन तक को टाला गया था कि, मध्य प्रदेश की सरकार गिर जाय और उसके बाद देश में लॉकडाउन लागू किया जाय, यह सब देखा आप सबने, अब वही तरीका राजस्थान में भी अपनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कई लोग हमसे सवाल करते हैं, पार्टियों के अंदर ही हमेशा न्याय खोजना पड़ता है! और हमने पार्टी के अंदर एक मैकेनिज्म खड़ा किया है और उसके तहत हम अपने मतभेदों को सुलझा लेंगे, हमारे मतभेदों को सुलझाने के लिये, आप धन शक्ति का प्रयोग कर रहे हैं, आप सत्ता बल का निर्मम प्रयोग कर रहे हैं, आप ऐसा कोई अवसर नहीं चूकना चाहते, जिससे कांग्रेस कमजोर हो, यह कांग्रेस देश की आजादी की पार्टी है। हम यदि अंग्रेजों से लड़े हैं, तो फिर लोकतंत्र की रक्षा के लिये भी लड़ेंगे और इसलिए मैं आप सब का आवाहन करना चाहता हूं, जो लोग मेरे साथ जुड़े हुये हैं कि, वो आयें और लोकतंत्र बचाओ कि इस मुहिम में #SpeakUpForDemocracy के लिये लोगों से बात करें, मोहल्ले में बोलें, गलियों में बोलें, गांव में बोलें, जहां कहीं आप हैं, अपने कर्म स्थान पर आप वहां बोलें।