कांग्रेस को राष्ट्रवाद से है नफरत लेकिन देशद्रोहियों का समर्थन करना उन्हें आता है रास : डॉ. संबित पात्रा

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सवाल : देशद्रोहियों पर नकेल कसना है क्या कट्टर राष्ट्रवाद ?

जनता के दिलों पर राज करने से चुनाव जीते जाते हैं : डॉ. पात्रा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता अशोक गहलोत की हास्यास्पद टिप्पणी पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि क्या देश के दुश्मनों को ख़त्म करना, आतंक की पनाहगाह पाकिस्तान के अंदर घुस कर आतंकियों को ख़त्म करना, आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करना, बालाकोट पर एयर स्ट्राइक करना और देशद्रोहियों पर नकेल कसना कट्टर राष्ट्रवाद है?

गौरतलब हो कि राहुल गाँधी को इस्तीफा न देने के लिए मनाने पहुंचे अशोक गहलोत ने ट्वीट कर भाजपा पर मिथ्या और अनर्गल आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कट्टर राष्ट्रवाद के पीछे अपनी असफलताओं को छिपाते हुए धन-बल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से चुनाव जीता है। यहाँ तक कि श्री गहलोत ने कांग्रेस की करारी हार को मानने से इनकार करते हुए कहा कि 2019 का चुनाव कांग्रेस की कार्यक्रम, नीति और विचारधारा की हार नहीं है।

राष्ट्र के साथ खड़े होने से कांग्रेस पार्टी को किसने रोका ?

मंगलवार को भाजपा केन्द्रीय कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. पात्रा ने कांग्रेस और अशोक गहलोत पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि क्या देश के दुश्मनों को ख़त्म करना, आतंक की पनाहगाह पाकिस्तान के अंदर घुस कर आतंकियों को ख़त्म करना, आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करना, बालाकोट पर एयर स्ट्राइक करना और देशद्रोहियों पर नकेल कसना कट्टर राष्ट्रवाद है? और यदि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद के मार्ग पर आगे बढ़ी तो राष्ट्र के साथ खड़े होने से कांग्रेस पार्टी को किसने रोका था?

कांग्रेस की नजरों में राष्ट्रवाद की आखिर  क्या है परिभाषा ?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राष्ट्रवाद से नफरत है लेकिन देश को टुकड़े-टुकड़े करने का ख़्वाब पाले बैठे देशद्रोहियों का समर्थन करना उन्हें रास आता है। हमने तो कभी कांग्रेस से नहीं कहा कि आप राष्ट्रवाद का विरोध करो। देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस जब भी खड़ी नजर आती है, टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ नजर आती है, देश के साथ नहीं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी सदैव राष्ट्रवाद का समर्थन करती थी, करती है और करती रहेगी क्योंकि हमें अपने देश से बहुत प्यार है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से पूछना चाहती है कि उनकी नजरों में राष्ट्रवाद की क्या परिभाषा है?

लोकतंत्र में जो जनता का दिल जीतता है, वही जीतता है चुनाव 

डॉ. पात्रा ने कांग्रेस नेता पर हमले को और तीव्र करते हुए कहा कि गहलोत जी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी सरकारी मशीनरी और धन-बल के दुरुपयोग से चुनाव जीती। गहलोत जी, सरकारी मशीनरी और धन-बल से लोकतंत्र में चुनाव नहीं जीते जाते, जनता के दिलों पर राज करने से चुनाव जीते जाते हैं। लोकतंत्र में जो जनता का दिल जीतता है, वही चुनाव जीतता है और हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनता के दिलों को जीता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार और विकास को पहुंचाया और पहली बार देश की जनता को महसूस हुआ कि एक लोक-कल्याणकारी सरकार कैसे काम करती है।

कांग्रेस पार्टी कभी भी अपनी हार से सबक नहीं सीखती

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि विडंबना यह है कि कांग्रेस पार्टी कभी भी अपनी हार से सबक नहीं सीखती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में इस्तीफों का सिलसिला कुछ दिनों से चल रहा है, कुछ मोर्चों के अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं ने राहुल गाँधी के सम्मान में इस्तीफा दे दिया। उससे पहले हमने यह भी देखा कि राहुल गाँधी नाराज हो गए थे क्योंकि उनकी पार्टी में कोई इस्तीफा नहीं दे रहा है। कांग्रेस के बड़े नेता या कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री राहुल गाँधी के सम्मान में इस्तीफा नहीं दे रहे तो इसमें भाजपा की गलती है क्या? ऐसे में यह हास्यास्पद है कि कांग्रेस अपनी हार का ठीकड़ा भारतीय जनता पार्टी पर फोड़े। इसके लिए कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए।

कांग्रेस की निर्लज्जता हार का ठीकड़ा फोड़ती है जनता  के सिर

डॉ. पात्रा ने कहा कि गहलोत जी का यह भी कहना है कि 2019 की चुनावी पराजय राहुल गाँधी की हार नहीं है। यह आत्ममुग्धता नहीं तो और क्या है कि कांग्रेस को लगातार दूसरे लोक सभा में इतनी सीटें भी नहीं मिली कि उसे सदन में नेता विपक्ष का दर्जा मिल सके। इससे पहले राज्य सभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा था कि मोदी तो जीत गए लेकिन भारत हार गया। इस पर हमारे प्रधानमंत्री जी ने सवाल उठाते हुए सदन में ही कहा था कि क्या वायनाड, रायबरेली और अमेठी में भी भारत हार गया? कांग्रेस पार्टी की ये निर्लज्जता है कि करारी हार में भी वह अपनी नीतियों, नेताओं और नेतृत्व के बजाय देश की महान जनता पर कांग्रेस की हार का ठीकड़ा फोड़ती है, उनका अपमान करती है।