कांग्रेस भाजपा की विश्वासघाती नौटंकी से आहत आंदोलनकारी

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अंतिम सत्र में गैरसैण राजधानी घोषित करने न होने से आहत आंदोलनकारी

देहरादून में प्रदर्शन कर रही महिला मंच के साथ पुलिस की कार्यवाही की आंदोलनकारी संगठनों ने की कड़ी भर्त्सना 

नयी दिल्ली । आगामी विधानसभा चुनाव 2017 से पहले गैरसैंण में 17- व 18 नवम्बर को सम्पन्न हुए उत्तराखण्ड विधानसभा के अंतिम सत्र में गैरसैंण राजधानी घोषित न किये जाने से प्रदेश के आंदोलनकारी संगठन व राज्य हितैषी निराश है। उत्तराखण्ड आंदोलन में 6 साल तक निरंतर संसद की चौखट जंतर मंतर पर ऐतिहासिक आंदोलन करने वाले उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत ने दो टूक शब्दों में गैरसैंण राजधानी बनाने के बजाय बार – बार गैरसैंण के नाम पर नौटंकी कर रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार व मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर उत्तराखण्ड के साथ विश्वासघात करने आरोप लगाया।

श्री रावत ने कहा कि जिस प्रकार से गैरसैंण अधिवेशन में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की राजधानी गैरसैंण को घोषित न करने व भाजपा को गैरसैंण राजधानी बनाने के लिए सरकार को मजबूर करने के बजाय बहिर्गमन की नौटंकी करने को उत्तराखण्ड के साथ विश्वासघात करने वाला कृत्य बताया। इसके साथ सभी आंदोलनकारी संगठनों ने एक स्वर में गैरसैंण को अविलम्ब राजधानी बनाने की मांग को लेकर 18 नवम्बर को देहरादून में प्रदर्शन कर रही महिला मंच पर पुलिस की दमनकारी कार्यवाही की कड़ी भर्त्सना की । आंदोलनकारी संगठनों ने सरकार को आगाह किया कि वह उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों की आवाज को पुलिसिया दमन से दबाने की मुलायम व राव सरकार की तरह दुस्साहस करने की आत्मघाती भूल न करे।

गैरसैंण को अविलम्ब प्रदेश की राजधानी घोषित करने की मांग को लेकर देहरादून में राज्य गठन आंदोलन में कमला पंत के नेतृत्व में अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिला मंच ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार व विपक्ष भाजपा पर उत्तराखण्ड की जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करके विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए धरना, अनशन करने के साथ प्रदर्शन किया। गैरसैंण के लिए हुए इस महिला मंच के मार्च का नेतृत्व निर्मला बिष्ट ने किया।देहरादून में शहीद स्थल से मार्च निकाल कर घण्टाघर में प्रदर्शन कर रही महिला मंच की कार्यकत्र्तियों के साथ हुई पुलिस की तीखी झडप। पुलिस के साथ घण्टा घर में झडप तब हुई जब शहीद स्थल से घण्टाघर तक मार्च करके पंहुचे ।

महिला मंच की संयोजक निर्मला बिष्ट ने पुलिसिया दमन के साथ गैरसैंण पर कांग्रेस व भाजपा की नौटंकी की कड़ी भत्र्सना करते हुए कहा कि लंबे समय से राजधानी,आपदा घोटालों व शिक्षा की दुर्दशा व लूट के मुद्दे को लेकर संघर्ष किया जा रहा है, लेकिन सरकार के कान में जूं भी नहीं रेंग रही है। सरकार के साथ ही भाजपा दोनों ही दल खुद को गैरसैंण का समर्थक होने के लिए जो नौटंकी कर रहे है उसके छलावे में उत्तराखण्ड की जनता अब नहीं आने वाली। महिला मंच की संयोजिका निर्मला बिष्ट ने गैरसैण की उपेक्षा को किसी भी सूरत में उत्तराखण्ड की जनता सहन नहीं करेगी।

पुलिस की कार्यवाही व गैरसैंण में हुई नौटंकी से आहत महिला मंच की संयोजिका ने कहा कि पहाड़ पलायन और मैदानी शहरों में बढ़ती भीड़ से त्रस्त जनता के दर्द से भी इन्हें कुछ नहीं लेना देना है। दोनों ही दल आईएएस अफसरों, लुटेरों, दलालों, रेत बजरी, जंगल के लोगों से जमीनों से करोड़ -अरबपति बने सौदागरों, बिल्डरों, बड़े-बड़े ठेकेदारों के हितैषी हैं। हम गैरसैण को राजधानी इसीलिए बनाना चाहते है ताकि सत्ता का केंद्र आम लोगों के बीच हो। यह घटना तब घटित हुई जब पुलिस ने महिला मंच के आंदोलनकारियों का अचानक माईक छीन कर गिरफ्तार करने की असफल कोशिश की।

उन्होंने कहा गैरसैंण को राजधानी घोषित करने के बजाय गैरसैंण सत्र में कांग्रेस व भाजपा की नौटंकीबाजी से आक्रोशित आंदोलनकारियों की आहत भावनाओं को मरहम लगाने के बजाय जिस प्रकार से देहरादून में पुलिस ने महिला मंच के साथ दमनकारी कार्यवाही की उसकी उत्तराखण्ड राज्य गठन आंदोलन के तमाम संगठनों ने कड़ी निंदा की। पुलिस ने आंदोलनकारियों का दमन कर उन्हें जबरन बाहनों में ठुस कर सांयकाल तक पुलिस लाइन में बंद रखा। पुलिसिया दमन में महिला मंच की कई आंदोलनकारी घायल हो गयी।