देश में ऑनलाइन शिक्षा और परीक्षा पर सुझाव के लिए समिति की घोषणा

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मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने COVID-19  के संदर्भ में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वार्ता की

केंद्रीय मंत्री ने SWAYAM एवं अन्य डिजिटल साधनों के माध्यम से विद्यार्थियों की शिक्षा जारी रखने पर दिया बल

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने नई दिल्ली में देश के सभी केन्द्रीय  विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ COVID -19 के संबंध में चर्चा की। उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने तथा ऑनलाइन परीक्षा के संंबंध में सुझाव देने के लिए इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने की घोषणा भी की |

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से छात्रावास में रह रहे छात्रों एवं विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के स्वास्थ्य सम्बन्धी किए जाने वाले उपाय, विश्वविद्यालय में सोशल डिस्टेंस के निर्देशों के समुचित पालन, विश्वविद्यालय में COVID-19 के संदिग्ध मामलों की टेस्टिंग के लिए प्रावधान, छात्रों की शिक्षा को जारी रखने के लिए किए गए प्रबंध, मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रबंध, सभी कर्मचारियों (स्थायी, अस्थायी एवं दैनिक वेतन भोगी) के वेतन संबंधी समस्याओं के निराकरण, नवाचार, अविष्कार एवं खोज को सोशल मीडिया के माध्यम से समाज को अवगत कराने सम्बन्धी पहल तथा COVID-19 से संबंधित अनुसंधान पर चर्चा की गई।

चर्चा के दौरान सभी विश्वविद्यालयों ने यह आश्वस्त किया कि इस संकट की घड़ी में सब लोग मिलकर इस समस्या का समाधान करने के लिए तत्पर हैं l विश्वविद्यालय में जो छात्र रह गए हैं, उनके खाने पीने और मानसिक स्वास्थ्य का समुचित ध्यान रखा जा रहा है|

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 40 बिस्तर वाले आइसोलेशन कक्षों का निर्माण किया है l अधिकतर विश्वविद्यालयों में डिजिटल माध्यम से पढाई जारी है, ताकि शैक्षणिक सत्र में देरी न हो।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने सभी कुलपतियों को निर्देशित किया कि वे इस सम्बन्ध में अपने फैकल्टी और छात्रों को SWAYAM और SWAYAM PRABHA का मिशन मोड में ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए प्रेरित करें और अन्य ऑनलाइन डिजिटल माध्यमों से भी छात्र और शिक्षक अपने शैक्षणिक कार्यक्रम को जारी रखें।

निशंक ने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने तथा ऑनलाइन परीक्षा बाबत सुझाव देने के लिए इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने की घोषणा भी की |

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इसी तरह, सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के छात्रों की सतत शिक्षा एवं स्वर्णिम भविष्य के लिए यूजीसी के नेतृत्व में एक एकेडमिक कलेंडर कमेटी बनाने का निर्णय भी लिया गया, जो शैक्षणिक सत्र में विलम्ब न हो, इसके लिए उपाय सुझाएगी।

छात्रों के मानसिक आरोग्य को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय मंत्री नें मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने की घोषणा की जो स्कूलों के साथ-साथ कालेज एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखने के लिए विभिन्न केन्द्रीय विद्यालयों एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय करेगी |

कुछ विश्वविद्यालयों ने बताया कि उन्होनें COVID-19 से लड़ने के लिए कुछ अनुसंधान किए हैं, जो अधिकृत एजेंसियों के  अनुमोदन के बाद लोगों तक पहुंचाए जाएंगे | केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस तरह के अनुसंधानों को तेजी से करने का अनुरोध किया और इस तरह के अनुसंधानों को हर तरह की सहायता देने का आश्वासन दिया। पूर्वोत्तर राज्यों के विश्वविद्यालयों से वहाँ की स्थानीय परंपरा एवं पद्धति में प्रचलित रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने सम्बन्धी तकनीकि एवं उपचार पर भी अनुसंधान के निर्देश दिए गए।

सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों नें बताया कि स्थायी, अस्थायी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का वेतन भत्ता समय पर दिया जा रहा है और इस समय उनकी अनुपस्थिति के दिनों का भी वेतन भुगतान किए जाने का प्रावधान है।

केंद्रीय मंत्री ने सभी कुलपतियों से अपने निकायों द्वारा PM CARES फंड में अधिक से अधिक योगदान देने का अनुरोध किया। साथ ही साथ, प्रधानमंत्री के आह्वान पर 5 अप्रैल 2020 को रात्रि 9 बजे, 9 मिनट के लिए घरों की समस्त बत्तियां बुझाकर केवल दीपक, मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाकर COVID-19 के तिमिर को मिटाने के लिए भारत के नागरिकों का संकल्प एवं एकजुटता प्रकट करने के लिए भी अनुरोध किया |

निशंक ने सभी से भारत सरकार के आरोग्य सेतु एप का भरपूर इस्तेमाल करने को कहा और COVID-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए आयुष मंत्रालय से समय समय पर जारी दिशा निर्देशों का सम्यक दृष्टि से पालन करने पर जोर दिया |

केंद्रीय मंत्री नें सभी कुलपतियों को निम्नलिखित बिन्दुओं पर त्वरित कदम उठाने के लिए निर्देश दिए-

    1. समग्र ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा सकल नामांकन अनुपात (GER) बढ़ाने के प्रयास

    2. पठन – पाठन की गुणवत्ता एवं मानक के स्तर ऊँचा करने के प्रयास

    3. विश्वविद्यालय परिसर में अनुशासन व्यवस्था बनाए रखने के समुचित उपाय

    4. केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को ज्ञान एवं उत्कृष्टता के केन्द्रों में विकसित करने के लिए सम्यक रणनीति

    5. वर्तमान आपदा की समाप्ति के पश्चात् सामान्य स्थिति में किए जाने वाले कार्यों को चिन्हित करना और उनके ऊपर एक समग्र कार्य योजना पर अग्रिम पहल |

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