मुख्यमंत्री पहुंचे विधानसभा कार्यालय तो मंत्रियों के दफ्तरों में पसरा रहा सन्नाटा

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बुधवार व गुरुवार को सभी को बैठना था विधानसभा कार्यालय 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून: सप्ताह के दो दिन मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को विधानसभा में बैठने के सरकार के आदेश के बाद बुधवार को जहाँ बागेश्वर दौरे से लौटते ही मुख्यमंत्री अपने कार्यालय में बैठे वहीं मंत्रियों के कार्यालयों में सन्नाटा ही नज़र आया।

सरकार का यह फैसला आमजन के लिए सरकार व मशीनरी की सुलभता के मद्देनजर किया गया था लेकिन सरकार के मंत्रियों पर इसका  एक बार हीर कम ही असर दिखाई दिया। मिली जानकारी के अनुसार सरकार के सभी मंत्रियों के देहरादून से बाहर होने के कारण वे अपने कार्यालय में उपलब्ध नहीं पाए। हालांकि कुछ मंत्रियों के गुरुवार को देहरादून पहुंचने पर विधानसभा कार्यालय में बैठने की संभावना है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस व्यवस्था को लेकर ये न समझा जाए कि मंत्री अपने कार्यालयों में बैठते ही नहीं हैं। उन्होंने कहा अब दिन नियत होने से जनता को यह सुनिश्चित रहेगा कि मंत्री अपने कार्यालयों में उपलब्ध रहेंगे।

गौरतलब हो कि इससे पहले भी इस तरह के आदेश थे लेकिन उन आदेशों को किसी ने भी तवज्जो नहीं दी। वहीं अब एक बार फिर सरकार की ओर 17 फरवरी को मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए इस व्यवस्था के आदेश निर्गत कर दिए। इसे देखते हुए सभी की नजरें बुधवार को विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों पर टिकी थी। मीडियाकर्मियों का जमावड़ा विधानसभा में था, लेकिन दिनभर इंतजार के बावजूद कोई भी मंत्री अपने कार्यालय में नहीं पहुंचे।

हालांकि मंत्रियों के कार्यालयों में उपस्थित उनके स्टाफ द्वारा बताया गया कि सभी मंत्री विभिन्न कार्यक्रमों में शहर से बाहर हैं। ये कार्यक्रम पहले से ही तय हुए थे।अलबत्ता, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना वादा निभाया और शाम करीब साढ़े चार बजे वह विधानसभा पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से उनके कक्ष में मुलाकात कर बजट सत्र को लेकर चर्चा की। इसके बाद देर शाम तक अपने कार्यालय में न सिर्फ सरकारी कामकाज निबटाया, बल्कि लोगों की समस्याएं भी सुनीं।

इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड आए एडीबी के अफसरों से भी विचार-विमर्श किया। हालांकि, बुधवार व गुरुवार को बैठने की व्यवस्था के आदेश अभी केवल मुख्यमंत्री व मंत्रियों के लिए हुए हैं, लेकिन सचिवालय में भी इसका असर नजर आया। सचिवालय में बुधवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह समेत यहां मौजूद लगभग सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में उपलब्ध रहे। इस नई व्यवस्था से लोगों को आने वाले दिनों में काफी हद तक सुविधा मिल सकती है।