वीडियोः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा, लॉकडाउन को बढ़ाए जाने की जरूरत

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लॉकडाउन की समयसीमा उत्तराखंड में भी बढ़नी तय

धारा 144 के साथ केंद्र से की गई हैं ये सिफारिश

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

लॉकडाउन अवधि बढ़ाने के संकेत

उत्तराखण्ड में लाकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज इस तरह के संकेत देते हुए कहा कि राज्य में कोरोना को लेकर अभी हम प्रथम स्टेज में है। लेकिन कोरोना का संक्रमण आगे न बढ़ने पर इसे लेकर सर्तक रहने की भी जरूरत है।

मुख्यमंत्री का कहना है कि शासन-प्रशासन की अपील के बाद कई तबलीगी जमात के लोग सामने आये है लेकिन अभी कुछ लोगों के छिपे होने की संभावनाएं भी है। उन्होने ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह अभी भी सामने आने को तैयार होते है तो फिर उनके खिलाफ हत्या का प्रयास और हत्या के आरोपों में मुकदमें दर्ज किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक राज्य में जितने भी कोरोना के मामले सामने आये है उनमें से सिर्फ दो ऐसे मामले है जो पर्वतीय जनपद अल्मोड़ा और पौड़ी से है। बाकी सभी 33 मामले चार मैदानी जिलों में सामने आये है। उन्होने कहा कि सरकार का अब पूरा फोकस इन्ही चार जिलों पर है। जिनमें देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर और नैनीताल है। उन्होने कहा कि इन 35 मामलों में से 28 तबलीगी जमात से जुड़े हुए है। उन्होने कहा कि जरूरत इस बात की है कि हम जाति और धर्म से ऊपर उठकर सोचें और कोरोना से सब मिलकर लड़े तभी इस लड़ाई को जीता जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लाकडाउन को 16-17 दिन का समय हो गया है। तमाम बुद्धिजीवियों द्वारा सलाह दी जा रही है कि अभी लाकडाउन को हटाया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री के बयान से यह साफ हो गया है कि राज्य में लाकडाउन की अवधि को आगे बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वह लाकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शासन-प्रशासन की मदद करें।

देहरादून। राज्य सरकार ने कोरोना के खतरे से निपटने के लिए 14 अप्रैल के बाद के लिए कार्ययोजना तैयार की है। इसमें पूरे प्रदेश में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन और 15 मई तक सभी शिक्षण संस्थाएं बंद रखने का प्रस्ताव है। साथ ही, सुरक्षित शरीरिक दूरी के नियम को सख्ती से 31 मई तक जारी रखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य किया जाएगा। एक भी कोरोना पॉजिटिव केस वाले जिले को बी-कैटेगरी में शामिल कर जिले के भीतर और बाहर आवाजाही पूरी तरह बंद रखी जाएगी। चिह्नित हॉटस्पॉट में किसी तरह की ढील के बगैर पूरी तरह लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन के दौरान सीमित तरीके से औद्योगिक, निर्माण व खनन, स्टांप-रजिस्ट्रेशन की गतिविधियों को जारी रखने की सिफारिश भी की गई है। इस पर केंद्र की अनुमति के बाद ही राज्य सरकार कदम आगे बढ़ाएगी।

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस कार्ययोजना को प्रस्तुत करेंगे। प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक ही सरकार कार्ययोजना का पालन करेगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को उनके आवास पर उच्चस्तरीय बैठक में कोरोना वायरस के संबंध में 14 अप्रैल के बाद की रणनीति पर मंथन किया गया। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, सचिव अमित नेगी व नितेश झा की मौजूदगी में हुई इस बैठक में 17 बिंदुओं की कार्ययोजना तैयार की गई। इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

पूरे प्रदेश को 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू कर धारा 144 के दायरे में लिया जाएगा। इस दौरान राज्य व जिलों के भीतर और बाहर आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। सिर्फ मालवाहक वाहनों को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक आवाजाही में छूट रहेगी। सिर्फ आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं से जुड़ी दुकानें, प्रतिष्ठान को रियायत मिलेगी। सरकार ने कोरोना केस के आधार पर जिलों को दो कैटेगरी में बांटा है।

जिस जिले में पिछले 15 दिन और अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिला है, उसे इस कैटेगरी में शामिल किया जाएगा। ऐसे ए-कैटेगरी वाले जिलों में सुबह सात से दोपहर एक बजे तक एकल व्यक्ति चौपहिया वाहन में आवाजाही की अनुमति रहेगी। इन जिलों में मनरेगा के तहत कार्यों को किया जा सकेगा।

जिस जिले में पिछले 15 दिन में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस मिला है, उसे बी-कैटेगरी में रखा गया है। बी-कैटेगरी वाले जिलों में लोगों की आवाजाही बंद रहेगी। इन जिलों में चिह्नित हॉटस्पॉट में लोगों की आवाजाही समेत कोई गतिविधि नहीं होगी। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में घरों तक जरूरत का सामान स्थानीय प्रशासन मुहैया कराएगा।

सभी जिलों में कोविड हॉटस्पॉट को छोड़कर औद्योगिक, निर्माण, खनन की गतिविधियों को अनुमति मिलेगी। ऐसे सभी स्थानों पर कोरोना से बचने को शारीरिक दूरी और साफ-सफाई और जरूरी सुरक्षा को अमल में लाने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों पर होगी। इन गतिविधियों के संचालक या मालिक को अंडरटेकिंग देनी होगी। फार्मा उद्योगों, मेडिकल उपकरण, कृषि उत्पादों और आवश्यक वस्तुओं से जुड़े उद्योगों के संचालन को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश और जिलों से बाहर से श्रमिकों व मजदूरों की आवाजाही बंद रहेगी। सभी जिलों में स्टांप व रजिस्ट्रेशन की गतिविधियां शुरू की जा सकेंगी। होटल, लॉज, होम स्टे, धर्मशालाएं, हॉस्टल, मॉल, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, जिम, रेस्तरां, बार और धार्मिक संस्थान बंद रहेंगे। सभी सरकारी और निजी व्यावसायिक व औद्योगिक संस्थानों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाले वाहनों में 15 मई तक एयरकंडीशन चलाने को अनुमति नहीं दी जाएगी।

प्रदेश के  ये हैं प्रस्ताव

-15 मई तक सभी शिक्षण संस्थान रहेंगे बंद, डीएम को दिए अधिकार

-जिलों की दो कैटेगरी, एक भी पॉजिटिव केस वाला बी-कैटेगरी जिला

-औद्योगिक, निर्माण, खनन, स्टांप रजिस्ट्रेशन गतिविधियों को सीमित अनुमति

-इंडो-नेपाल सीमा और अंतर्राज्यीय आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी

-होटल, धर्मशाला, होमस्टे, मल्टीप्लेक्स, धार्मिक संस्थान बंद रहेंगे