मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेश किया बजट : रोजगार सृजन पर जोर देता बजट

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को पेश किया 57 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 57 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट विधानसभा में पेश किया। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। वहीं, कोरोना काल में कोरोना योद्धाओं के किए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बजट में रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष  में गैरसैंण के विकास के लिए कई कार्य व घोषणाएं की गई हैं, जिनमें आगामी दस वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से संपूर्ण राजधानी क्षेत्र का विकास करने के लिए बड़ी योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम किया है। राज्य के विकास के लिए परिसंपत्तियों पर निवेश को सरकार ने जरूरी समझा। कृषि के जुड़ी समस्याओं और सभी प्रश्नों को समझने का प्रयास किया गया।   
 बजट एक नज़र में यहां क्लिक कर पढ़िए पूरा बजट

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश का बजट आम आदमी सहित अन्य सभी वर्गों के लिए राहत देने वाला है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश का तेजी से विकास हो और हर वर्ग को राहत मिले।

मुख्यमंत्री का बजट भाषण :- पूरा यहां क्लिक कर पढ़िए

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‘‘जीवन नहीं यह रणभूमि है
बस कर्म है तेरे हाथ में
क्यों व्यर्थ चिंता करता है
जब सारथी ईश्वर तेरे साथ है
कुरुक्षेत्र के मध्य
फिर विजयी पताका लहराएगा
बुरा दौर भी आया था
अच्छा दौर भी आएगा‘‘

ग्राम विकास विभाग
दीनदयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना ( DAY-NRLM)- के माध्यम से 19070 स्वयं सहायता समूहों के 114421 सदस्यों को बैंक लिंकेज करवाते हुए स्वरोजगार से जोड़ा गया तथा राज्य परियोजना प्रबन्धन इकाई द्वारा 10833 स्वउद्यमियों तथा उत्तराखण्ड ग्राम विकास समिति द्वारा 16117 व्यक्तियों को स्वरोजगार से जोड़ा गया।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत लगभग 6 लाख व्यक्तियों को प्रतिवर्ष मानकानुकूल मजदूरी आधारित रोजगार प्रदान किया गया कोविड के दौरान इस योजना के अन्तर्गत अतिरिक्त रोजगार भी सृजित किया गया है पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 2.21 लाख अतिरिक्त परिवारों (3.31 लाख अतिरिक्त श्रमिकों) को रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में रू0 219 करोड़ अतिरिक्त भुगतान किये गये

चयन सम्पन्न हुआ है। वर्तमान में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 6200 पदों हेतु अधियाचन एवं भर्ती की प्रक्रिया गतिमान है। लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2017 से वर्तमान तक 3050 से अधिक पदों पर चयन किया गया है व 1100 पदों पर चयन की प्रक्रिया चल रही है।

महोदय, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न करने हेतु राज्य सरकार द्वारा पिछले 4 साल में केन्द्रीय योजनाओं व केन्द्र पोषित योजनाओं का कनवर्जेन्स किया गया है। अपने सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद सरकार द्वारा राज्य सेक्टर में अनेक फ्लेगशिप कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं, जिनमें से प्रमुख हैय मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना, ग्रोथ सेण्टर्स की स्थापना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प0 दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे विकास योजना, मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना, सोलर पावर प्लाण्ट्स योजना, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना। रोजगार एवं आजीविका के अवसरों के सृजन के क्षेत्र में इनके अच्छे परिणाम परिलक्षित हुए है।

महोदय, मैं आजीविकाध्रोगार से सम्बन्धित कुछ प्रमुख कार्यक्रमों का विवरण आपके सम्मुख प्रस्तुत करना चाहूंगा

शहरी विकास विभाग

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि (प्रधानमंत्री स्वनिधि) योजना का, क्रियान्वयन वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने हेतु उठाये गये कदमों, विशेषकर लॉकडाउन के कारण शहरी पथ विक्रेताओं के व्यापार पर दुष्प्रभाव पड़ा है। उक्त के दृष्टिगत शहरी पथ विक्रेताओं को आत्म निर्भर बनाने एवं उनके द्वारा अपना कार्य फिर से पुनः प्रारम्भ किये जाने हेतु भारत सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज के रूप में आसान ऋण सुविधा के द्वारा कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराए जाने हेतु पी०एम0 स्ट्रीट बेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि (पी०एम० स्वनिधि) योजना का आरम्भ वित्तीय वर्ष 2020-21 से किया गया है।

यह योजना पूर्ण रूप से आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित केन्द्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसके द्वारा पात्र पथ-विक्रेताओं को रू0 10,000 की कार्यशील पूंजी व्याज अनुदान आधारित आसान ऋण पर उपलब्ध करायी जाएगी. जो कि नियमित धन-वापसी पर आधारित है। इस योजना से डिजिटल लेन-देन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। योजना प्रदेश के समस्त नगर निकायों में संचालित होगी। ऐसे पथ विक्रेताओं जिनको नगर निकाय के द्वारा विक्रय प्रमाण पत्र एवं पहचान पत्र जारी किये गये है यो इसके पात्र हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे पथ विक्रेता, जो कि सर्वे के माध्यम से चिन्हित किए गए हैं. परन्तु उनको विक्रय प्रमाण पत्र एवं पहचान पत्र जारी नहीं किए गए हैं, ऐसे पथ विक्रेताओं को नगर निकाय द्वारा एक माह के अन्दर विक्रय प्रमाण पत्र एवं पहचान पत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इस स्कीम के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने वाले विक्रेता, 7 प्रतिशत की दर पर तथा अतिरिक्त 2 प्रतिशत (राज्य सरकार द्वारा) कुल 9 प्रतिशत व्याज सब्सिडी के पात्र हैं। व्याज सब्सिडी की राशि ऋण प्राप्तकर्ता के खाते में त्रैमासिक रूप से जमा किये जाने का प्रावधान है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में श्रम रोजगार के अन्तर्गत लगभग 20000 से लेकर अधिकतम 35000 कुशल ध् अकुशल श्रमिकों को रोजगार दिया गया है।

सहकारिता विभाग
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अधीन लघु, सीमान्त तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कृपक सदस्यों को कृषि तथा कृषियेत्तर कार्यो हेतु रू0 1 लाख तक का अल्पकालीन, रू0 3 लाख तक का मध्यकालिक एवं स्वयं सहायता समूहों को रू० 5 लाख तक की धनराशि का ब्याज रहित ऋण वितरित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत 20 फरवरी, 2021 तक कुल 471353 लाभार्थी एवं 1056 स्वयं सहायता समूहों को कुल रू0 2467 करोड़ की धनराशि ऋण के रूप में वितरित की गयी। इस योजना का प्रभाव सामने आया है कि इसके क्रियान्वयन से कृषकों की आय में वृद्धि हुई है तथा ऋण प्राप्त कर लाभार्थी आत्म निर्भर हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ई-रिक्शा कल्याण योजना के अन्तर्गत रू० 28.08 करोड़ की सहायता से 2691 महिलाओं एवं पुरूषों को ई-रिक्शा क्रय करने हेतु व्चण वितरित किया गया।

मोटर साइकिल टैक्सी सर्विस- योजना को मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत आवेदनकर्ता को प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटकोंध्यात्रियों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराने हेतु सहकारी बैंकों के माध्यम से वाहन (मोटर साइकिल स्कूटर) क्रय करने हेतु 60 हजार से 1.25 लाख तक का 02 वर्षों तक का व्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। परिवहन विभाग टू व्हीलर टैक्सी सेवाओं हेतु गाइड लाइन तैयार करेगा। मुख्यमंत्री स्वरोजगार की परिधि के अन्तर्गत इस योजना से 20 हजार युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।

पर्यटन विभाग
पं0 दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम-स्टे) विकास योजना-वर्ष 2018-19 में प्रारम्भ इस योजना के अन्तर्गत राज्य के मूल व स्थायी निवासियों को नये होम स्टे निर्माण के अतिरिक्त पुराने भवनों की साज-सज्जा, उनका विस्तारध् नवीनीकरणध्सुधारध्शौचालयों के निर्माण के लिये मैदानी क्षेत्रों में 7.50 लाख एवं पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम दस लाख सब्सिडी की रूप में दिया जा रहा है। तथा व्याज में भी अधिकतम रू0 1.50 लाख प्रतिवर्ष का अनुदान भी देय है। माह 20 फरवरी, 2021 तक ऐसे 222 होम-स्टे तैयार हो चुके हैं तथा 2857 व्यक्तियों द्वारा होम-स्टे निर्मित करके उनका पंजीकरण कराया गया है।
पलायन में रोक, स्थानीय समुदायों की आजीविका में वृद्धि के प्रभावी परिणाम इस योजना के अन्तर्गत आये है।

कौशल विकास विभाग
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना -इस योजना के अन्तर्गत 25 फरवरी, 2021 तक कुल 47576 युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रम में प्रशिक्षणोपरान्त प्रमाणित किया गया है. जिसके सापेक्षा 36010 युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये है तथा नेशनल कैरियर योजना के अनक्र्गत 1516 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया।
कृषि विभाग के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 12000 व्यक्तियों को स्वयं उद्यमिता ध् निजी निवेश से स्वरोजगार उपलब्ध कराया गया।

पीरूल एवं अन्य बायोमास से विद्युत उत्पादन
महोदय आप अवगत हैं, राज्य में पीरूल एक कच्चा संसाधन है। प्रतिवर्ष 15 लाख मीट्रिक टन पीरूल का उपयोग नहीं हो पाता है और यनारिन का कारण बनता है। वर्ष 2019-20 में हमने इसरो विद्युत उत्पादन प. बायोमास ब्रिकेटिंग की योजनायें प्रारम्भ की है। गाह दिसम्बर 2020 तक 62 परियोजनायें आवण्टित की गयी है जिसमें से 07 परियोजनायें स्थापित हो चुकी है इसके परिणामस्वरूप स्थानीय स्तर पर पीरूल संग्रहण हेतु स्वरोजगार फे अवसर (विशेष तौर पर महिलाओं को) प्राप्त हो रहे हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी विकास प्राधिकरण के अन्तर्गत स्वयं उद्यमिता निवेश के माध्यम से 13546 देवभूमि जन सेवा केन्द्र पंजीकृत हैं। इनमें से 9233 केन्द्र सकिय हैं। विशेष उल्लेखनीय है कि 975 जन सेवा केन्द्रों का संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।जबकि इस योजना में इससे पूर्व के 5 वर्षों में औसत रोजगार मात्र 6,060 प्रतिवर्ष का था।

उद्योग विभाग-
महोदय, अय में औद्योगिक विकास के सन्दर्भ में पिछली सरकार की 5 वर्ष की अवधि व वर्तमान सरकार के 4 वर्षों की तुलनात्मक स्थिति का ब्यौरा आपके विचारार्थ प्रस्तुत कर रहा हूँ। जहाँ, वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 तक 5 वर्ष की अवधि में प्रदेश में 13,438 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा 16 बृहत उद्योग स्थापित हुए थे। जिसमें 4,537 करोड़ का पूंजी निवेश तथा 87,056 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ था, वहीं चर्ष 2017-18 से ब्ष 2020-21 तक चार वर्ष की अवधि में ही प्रदेश में 14,239 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा 47 बृहत उद्योग स्थापित किये गये. जिनमें रू0 5,514 करोड़ का पूंजी निवेश और 86,791 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है इस प्रकार स्पष्ट है कि जहां पूर्व सरकार के समय उद्योगों में रोजगार का औसत 17,411 प्रतिवर्ष था, वहीं इस सरकार के समय रोजगार का यह औसत 21,698 प्रतिवर्ष है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, स्वरोजगार के लिए एक सफल एवं महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना में राज्य ने लगातार अच्छी उपलब्धि अर्जित की है। वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 तक की 05 वर्षीय अवधि में इस योजनान्तर्गत कुल 6,509 इकाईयों की स्थापना की गयी जिसमें 30,304 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक चार वर्षीय अवधि में इस योजना में कुल 7,265 इकाईयों की स्थापना की गयी और इनमें 58,235 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए। इस प्रकार इस सरकार के लगभग 4 वर्षों के कार्यकाल में औसत रोजगार लगभग 15,000 प्रतिवर्ष है,

जहां तक एम०एसएम0ई0 व वृहद उद्योगों की प्रगति का प्रश्न है वर्ष 2012 से 2017 की पाँच वर्षीय अवधि की अपेक्षा वर्ष 2017 से 2021 की चार वर्षीय अवधि की उपलब्धियां कहीं बेहतर रही है वर्ष 2012 से 2017 की अवधि में प्रतिवर्ष औसतन 2,688 एम0एस०एम०ई० स्थापित हुई थी तो 2017 से 2021 की चार वर्षों में ही औसतन प्रतिवर्ष 3,560 एम०एस०एम०ई० की स्थापना हुई। इसी तरह बृहद उद्योगों का औरत पिछली अवधि में मात्र 03 था जबकि 2017 से 2021 के चार वर्षों में ही प्रतिवर्ष औसतन 12 वृहद उद्योगों की स्थापना हुई है।

जहां तक निवेश का प्रश्न है इन उद्योगों में वर्ष 2012-17 की अवधि में प्रतिवर्ष औसतन 907 करोड़ रूपये का निवेश हुआ. यहीं 2017-21 की अवधि का औसत 1,378 करोड़ रूपये रहा है।

वर्ष 2017-21 की अवधि में इन उद्योगों में प्रतिवर्ष औसतन 21,698 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ जो कि उससे पहले के पांच वर्षो में औसत (17411) से कहीं अधिक है।

प्रदेश की स्टार्टअप नीति भी वर्ष 2018 में प्रख्यापित की गयी। 20 फरवरी, 2021 तक कुल 94 स्टार्टअप को मान्यता प्रदान की गयी है, जिनमें 750 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। स्टार्टअप की दिशा में भी राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है और स्टार्टअप ईको सिस्टम के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। इस वर्ष की राज्यों की स्टार्टअप रैकिंग में राज्य को एस्पायरिंग लीडर्स की श्रेणी में स्थान मिला है और हम एक पायदान ऊपर पहुंचे हैं। अब तक राज्य में 8 नये इन्क्यूबेटर्स की रथापना का कार्य प्रारम्भ किया गया है और राज्य के कई स्टार्टप्स ने अपनी विशिष्ट पहचान राष्ट्रीयध्अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बनायी है हमें विश्वास है कि हम इस दिशा में तेजी से प्रगति करेंगे और रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित होंगे।

महोदय, जहां तक भविष्य में रोजगार सजन का प्रश्न है मै अत्यन्त विनम्रतापूर्वक एक महत्वपूर्ण तथ्य की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहूंगा कि सरकार द्वारा अक्टूबर, 2018 में अपने किस्म का राज्य का पहला अन्तर्राष्ट्रीय निवेश मेला सफलतापूर्वक आयोजित किया गया राज्य के अत्यन्त महत्वपूर्ण (थ्रस्ट) सेक्टरों यथा, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, योग एवं आयुष, आटो मोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, प्राकृतिक फाइबर, बागवानी फ्लोरिकल्चर, हर्बल व सुगन्ध-पादप, सूचना प्रौद्योगिकी, फिल्म शूटिंग, नवीनीकरणीय ऊर्जा इत्यादि से सम्बन्धित अनेक नई नीतियां या तो प्रख्यापित की गयी या सरलीकृत की गयी थी यथा, पर्यटन नीति, फिल्म नीति, सूचना, संचार प्रौद्योगिक और इलेक्ट्रॉनिक्स नीति, आयुष नीति, सौर ऊर्जा नीति, पाइन निडिल एवं बायोमास से ऊर्जा उत्पादन नीति, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति, बृहद औद्योगिक पूंजी निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, एरोमा पार्क नीति, जैव प्रौद्योगिकी नीति ताकि राज्य में निवेश करने हेतु देश-विदेश के निवेशक आकर्षित हों।ष्प्रथम निवेश सम्मेलनष् अत्यन्त सफल रहा। इसके परिणामस्वरूप कुल रू0 1.24 लाख करोड़ के 601 एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हो चुके हैं जिसमें 30 सितम्बर, 2020 तक ही रू0, 25 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग भी हो चुकी थी। इनके परिणामस्वरूप भविष्य में राज्य में रोजगार के अनेकानेक अवसर प्राप्त होंगे।

महोदय, राज्य में एकल खिड़की व्यवस्था को और भी सरलीकृत व युक्तिसंगतीकृत किया गया है ताकि उद्यमियों को अधिकाधिक सहूलियत मिल सके। इसके परिणामस्वरूप अभी तक लगभग 4796 प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके हैं। इनकी स्थापना से लगभग 10 30 हजार करोड़ का पूंजी निवेश प्राप्त होगा एवं अन्ततः एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।