मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड खरीद मामले के दिए जांच के आदेश

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मुख्य सचिव ने कृषि उत्पादन आयुक्त, श्रीमती मनीषा पंवार की अध्यक्षता में किया जांच समिति का गठन

15 दिनों के भीतर अपनी जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड द्वारा जनपद उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ के अन्तर्गत भेड़ एवं बकरियों के पशुआहार क्रय में वित्तीय अनियमितताएं सम्बन्धित शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश द्वारा कृषि उत्पादन आयुक्त, श्रीमती मनीषा पंवार की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया गया है। जांच समिति में अपर सचिव वित्त श्री भूपेश तिवारी भी सदस्य होंगे। मुख्य सचिव ने जांच समिति से प्राप्त शिकायत पर 15 दिनों के भीतर अपनी जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

गौरतलब हो कि बीते दिनों सांसद मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बोर्ड की शिकायत करते हुए मामले को सीबीआई, सीआईडी व ईडी जांच के लायक बताया था। हालांकि उन्होंने  भारी अनियमितता की आशंका जताते हुए पत्र की प्रति प्रधानमंत्री को भी भेजी थी । मेनका गांधी ने पत्र में आरोप लगाया है कि विश्व बैंक से उत्तराखंड सरकार को मिले लोन में बोर्ड के अफसरों ने अनियमितता की है।

सांसद ने पत्र में आरोप लगाया था कि पात्र नहीं होने के बावजूद अफसरों ने 13 लाख रुपये से अधिक की लग्जरी कारें खरीदीं। महंगा चारा खरीदा। बिना पद सृजित किए बड़ी संख्या में अफसरों को प्रतिनियुक्ति पर भेड़ बोर्ड में नियुक्त कर दिया। इससे जिलों में पशु चिकित्सालय बंद हो गए। ऑस्ट्रेलिया से खरीदी गईं मेरीनो भेड़ बूढ़ी हैं। उनकी खरीद सिर्फ कमीशन के लिए हुई। इन भेड़ों को बाद में मीट के लिए बेच दिया गया। 

जबकि इस संबंध में बोर्ड के सीईओ डॉ.अविनाश आनंद ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पहले भी ऐसी बात आई थी, तब भी बोर्ड ने पक्ष दे दिया था। बोर्ड में सिर्फ अध्यक्ष के लिए अनुमति मिलने के बाद एक कार खरीदी गई थी। साथ ही उन्होंने कहा कि चारा खरीद पर भी भ्रम फैलाया जा रहा है।