राफेल डील मामले में केंद्र सरकार का जेपीसी जांच इंकार

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  • “हंगामा करने वाले” सभी मोर्चों पर नाकाम

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्लीः राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्साहित मोदी सरकार ने सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की संभावना से इंकार किया और कांग्रेस पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि ‘‘बहरे’’ कभी जवाब नहीं सुनते। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर लगाए गए आरोपों को ऐसी ‘कहानी गढ़ने’ के समान बताया जिसने राष्ट्र की सुरक्षा को जोखिम में डाला।

जेटली का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में आया है जिसमें 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए भारत एवं फ्रांस के बीच हुए समझौते को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए जेटली ने कहा, “हंगामा करने वाले” सभी मोर्चों पर नाकाम हो गए हैं और यह झूठ गढ़ने वालों ने देश की सुरक्षा को जोखिम में डाला। कांग्रेस पर तंज कसते हुए जेटली ने कहा कि” झूठ कभी टिकता नहीं। यह बहुत दिन नहीं चलता। इस मामले में कुछ महीने हुए। झूठ से हमेशा झूठ बोलने वाले की साख गिरती है। “

अदालती आदेश के बावजूद कांग्रेस द्वारा जेपीसी की मांग करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि “बहरे कभी जवाब नहीं सुनते। वे इसे नहीं सुन सकते।” सौदे की जांच के लिए जेपीसी की मांग को लेकर कांग्रेस ने संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी।

मोदी सरकार को शुक्रवार को उस समय बहुत बड़ी राहत मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे को चुनौती देने वाली याचिकायें यह कहते हुये खारिज कर दीं कि सौदे को निरस्त करने के लिये इसके ‘‘निर्णय लेने की प्रक्रिया पर वास्तव में संदेह करने की कोई वजह’’ नहीं है।

कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ राजनीतिक अभियान चलाते हुए सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। सरकार ने इन आरोपों को लगातार खारिज किया। जेटली ने कहा कि झूठ तो सामने आना ही था और आया भी। साथ ही कहा कि अगर ईमानदार सौदों पर सवाल उठाए जाएंगे तो अधिकारियों एवं सशस्त्र बलों को भविष्य में ऐसी कोई भी प्रक्रिया शुरू करने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा। जेपीसी जांच की संभावना के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला निर्णायक है और सौदे के बारे में किसी संदेह की गुंजाइश नहीं छोड़ता।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह संसदीय लोकतंत्र में जेपीसी की प्रासंगिकता पर संदेह कर रहे हैं इस पर जेटली ने बोफोर्स मामले में इसी तरह की जांच के बारे में बताते हुए कहा कि समिति पार्टी आधार पर बंटी हुई थी। बाद के इतिहास ने जेपीसी के हर शब्द को झूठा साबित कर दिया।

राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए जेटली ने दावा किया कि दुनिया भर के लोकतंत्रों में ऐसी परंपरा रही है कि नेता अपने झूठ पकड़े जाने पर अपना पद छोड़ देते हैं।