मंत्रिमंडल ने दिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बेटियों को आरक्षण का हक़

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कई अन्य मुद्दों पर कैबिनेट बैठक में चर्चा व निर्णय

चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में एकीकरण  

चर्चित रहे मृत्युंजय मिश्रा को उनके मूल उच्च शिक्षा में भेजा गया

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । राज्य मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक में 14 प्रस्ताव रखे गए जिनमें से 12 पर मुहर लगी। जबकि दो प्रस्तावों को पुनर्विचार  के लिए लौटा दिया गया। बुधवार को सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के सभागार में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को मिलने वाले आरक्षण मामले में संशोधन किया है जिसके तहत अब स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों में बेटियों को भी शामिल कर दिया गया है। वहीं गरीबी रेखा से नीचे और ऊपर सभी 23 लाख 80 हजार राशनकार्ड धारकों को सरकार ने अब सरकारी सस्ते-गल्ले की दुकान से  हर माह दो किलो दाल सस्ती दरों पर लाभार्थियों को देने का भी निर्णय किया है। 

कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट ने फैसला लिया है कि शासन स्तर पर चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के एकीकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री दालपोषित योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना में सभी राशनकार्ड उपभोक्ताओं को चना, मसूर व तुअर में से एक-एक किलो दो दालें मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए केंद्र की ओर से दी जाने वाली 15 रुपये की सब्सिडी राज्य के उपभोक्ताओं को मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं को प्रति किलो 40 से 42 रुपये की दर से दाल उपलब्ध होगी।

केंद्र सरकार नेफेड के माध्यम से राज्य को दालें मुहैया कराएगी। राज्य में 9000 से अधिक राशन की दुकानें हैं। इन दुकानों के माध्यम से सस्ती दालें वितरित की जाएंगी। इस योजना के तहत राज्य को 4600 कुंतल दाल की दरकार होगी। इस योजना से राज्य सरकार पर कोई भी वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। 

उन्होंने बताया कि सरकारी डिग्री कॉलेजों में कार्यरत 357 गेस्ट फैकल्टी को समान मासिक मानदेय 35 हजार रुपये देने का निर्णय किया गया है। वर्तमान में इन कॉलेजों में 59 सांध्यकालीन गेस्ट फैकल्टी को 15 हजार रुपये मासिक, 263 प्रात:कालीन गेस्ट फैकल्टी को 25 हजार रुपये और गढ़वाल विश्वविद्यालय के केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने के बाद वहां से सरकारी कॉलेजों में भेजी गई 35 गेस्ट फैकल्टी को 35 हजार रुपये मानदेय मिल रहा है। मंत्रिमंडल के फैसले से 322 गेस्ट फैकल्टी के मानदेय में इजाफा भी हो गया है। उक्त फैकल्टी को प्रतिमाह 40 पीरियड अनिवार्य रूप से पढ़ाने होंगे। यह टाइम टेबल बनाने की जिम्मेदारी कॉलेज की होगी। 

मंत्रिमंडल के अन्य निर्णय कुछ इस तरह रहे  

–  सरकारी सस्ते-गल्ले की दुकान में हर माह दो किलो दाल सस्ती दरों पर लाभार्थियों को दी जाएगी। 

-राजकीय महाविद्यालयों में गेस्ट फैकल्टी  को हर महीने 35 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा। 

-आरक्षण अधिनियम 1993 के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पुत्रियों को भी अब आरक्षण के दायरे में लिया गया है।  

-सचिवालय स्तर पर अब स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग का एकीकरण किया गया। 

-सूचना प्रौद्योगिकी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग का सचिवालय के स्तर पर एकीकरण किया गया है।

-आयुर्वेद विश्व विद्यालय के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्रा को उनकी मूल उच्च शिक्षा में भेजा गया। 

-शासन स्तर में विकास योजनाओं के परीक्षण के लिए प्रमुख सचिव को जिम्मा, पहले सीएस करते थे। 

-उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जजों के लिए चिकित्सा प्रति पूर्ति के मामले में सुप्रीमकोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का फैसला। 

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