शुक्रवार को यातायात के लिए खोल दिया गया रैणी में बना बैली ब्रिज
सीमा क्षेत्र में यातायात शुरू, बीआरओ ने बनाया 200 फुट लम्बा वैली ब्रिज
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
उत्तराखंड: सीमा सड़क संगठन ने रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में आए सैलाब से बह गए आरसीसी पुल की जगह बना दिया बेली पुल। जिसे शुक्रवार को यातायात के लिए खोल दिया गया है। इस पुल के बन जाने के बाद अब सैन्य वाहन और स्थानीय लोग मलारी से बाड़ाहोती चीन सीमा तक आ जा सकेंगे। वैसे इस पुल को बनाने की समय सीमा तो 20 मार्च तक थी लेकिन BRO के जांबाज़ कर्मियों ने रात दिन एक करते हुए कड़ी मेहनत से 15 दिन पहले ही इस वैली ब्रिज को तैयार कर नया कीर्तिमान रच दिया है।
𝘽𝙧𝙞𝙙𝙜𝙚 𝙤𝙛 𝘾𝙤𝙢𝙥𝙖𝙨𝙨𝙞𝙤𝙣
A tribute to the fallen Karma Yogis of NTPC n Rishi Ganga Hydel Power project… constructed in a record time by BRO Karma Yogis. Connectivity from #Joshimath to #Malari established today.@PMOIndia @nitin_gadkari @Gen_VKSingh pic.twitter.com/ClqN009wiL— BORDER ROADS ORGANISATION (@BROindia) March 5, 2021
गौरतलब हो कि बीती सात फ़रवरी की सुबह ऋषिगंगा में आये सैलाब में यह आरसीसी पुल पूरी तरह से तबाह हो गया था। इतना ही नहीं इस सैलाब से रैणी गाँव के पास बने ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट जहाँ पूरी तरह नेस्तनाबूत हो गया वहीँ यहां से सात किलोमीटर दूर तपोवन में निर्माणाधीन तपोवन -विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना भी बुरी ारः तबाह हुआ गयी थी इस सैलाब से दो सौ से अधिक लोग लापता हो गए थी जिसमें से कई के मृत शरीर सुरंग और धौली गंगा से बरामद हुए।
चीन सीमा क्षेत्र में यातायात सुचारु, बीआरओ ने बनाया 200 फुट लम्बा वैली ब्रिज https://t.co/wX8PaQrLJ6 pic.twitter.com/TotrhWZMTM
— देवभूमि मीडिया …..ख़बरों की तह से ख़बरों की सतह तक (@DevbhoomiMedia) March 5, 2021