BREAKING News : सीमा सड़क संगठन ने रैणी के पास सैलाब से बह गए पुल की जगह बना डाला नया बेली पुल

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शुक्रवार को यातायात के लिए खोल दिया गया रैणी में बना बैली ब्रिज 

सीमा क्षेत्र में यातायात शुरू,  बीआरओ ने बनाया 200 फुट लम्बा वैली ब्रिज

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
उत्तराखंड: सीमा सड़क संगठन ने रैणी गांव के पास ऋषिगंगा में आए सैलाब से बह गए आरसीसी पुल की जगह बना दिया बेली पुल।  जिसे शुक्रवार को यातायात के लिए खोल दिया गया है। इस पुल के बन जाने के बाद अब सैन्य वाहन और स्थानीय लोग मलारी से बाड़ाहोती  चीन सीमा तक आ जा सकेंगे। वैसे इस पुल को बनाने की समय सीमा तो 20 मार्च तक थी लेकिन BRO के जांबाज़ कर्मियों ने रात दिन एक करते हुए कड़ी मेहनत से 15 दिन पहले ही इस वैली ब्रिज को तैयार कर नया कीर्तिमान रच दिया है।

गौरतलब हो कि बीती सात फ़रवरी की सुबह ऋषिगंगा में आये सैलाब में यह आरसीसी पुल पूरी तरह से तबाह हो गया था। इतना ही नहीं इस सैलाब से रैणी गाँव के पास बने ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट जहाँ पूरी तरह नेस्तनाबूत हो गया वहीँ यहां से सात किलोमीटर दूर तपोवन में निर्माणाधीन तपोवन -विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना भी बुरी ारः तबाह हुआ गयी थी इस सैलाब से दो सौ से अधिक लोग लापता हो गए थी जिसमें से कई के मृत शरीर सुरंग और धौली गंगा से बरामद हुए। 

बीआरओ के मुख्य अभियंता ए.एस.राठौर ने बताया कि 200 मीटर लम्बे इस बैली ब्रिज से आज से आवागमन शुरू कर दिया गया है।