पिथौरागढ़ सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में जुटे भाजपा और कांग्रेस

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 स्व. प्रकाश पंत की विरासत कौन संभालेगा पत्नी या भाई ?

भारतीय जनता पार्टी अप्रत्याशित उम्मीदवार पर खेलेगी दांव !

कांग्रेस क्या अपने पूर्व विधायक मयूख पर खेलेगी दांव !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

  बीजेपी में प्रत्याशी को लेकर मंथन

बीजेपी में प्रदेश महामंत्री खजान दास का कहना है कि पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर आवेदन आ रहे हैं और उस पर विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने साथ में ये भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी मंथन करने के बाद ही कोई निर्णय लेती है। मंथन करने के लिए भाजपा नेताओं की एक टीम पिथौरागढ़ जाएगी और वहां के लोगों से बातचीत करेगी। बातचीत से जो कुछ भी सामने आएगा उसी के अनुरूप फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार का चयन मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष करेंगे।

देहरादून। त्रिवेंद्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे स्व. प्रकाश पंत (Late Prakash Pant) के कैंसर से निधन के बाद से खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट (Pithoragarh Assembly Seat) पर 30 नवंबर तक चुनाव कराया जाना है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ से कुमाऊं (Kumaon) के मजबूत नेता रहे पंत की राजनीतिक विरासत का हक़दार उनके परिवार से ही होगा या भाजपा किसी अन्य पर दांव खेलेगी यह बही तो साफ़ नहीं यही लेकिन पिथौरागढ़ विधानसभा के उप चुनाव को लेकर  पार्टी के भीतर बीते कई दिनों से बातचीत का दौर चल रहा है।

वहीं चर्चा है कि कांग्रेस इस सीट से अपने पूर्व विधायक मयूख मेहर पर ही दांव खेलने जा रही है। लेकिन पूर्व विधायक मयूख मेहर का साफ़ कहना है कि इस बार मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मैंने पार्टी के सामने भी अपनी राय स्पष्ट कर दी है । अब नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। हालांकि पूर्व विधायक मयूख महर के उप चुनाव न लड़ने के पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि प्रकाश पंत की मौत के बाद उप चुनाव में उनके प्रति सहानुभूति की लहर चलेगी। जिसका फायदा भाजपा को होगा ऐसे में अब कांग्रेस से कौन प्रत्याशी होगा यह आने वाले समय में ही पता चल पायेगा। 

गौरतलब हो कि प्रदेश में वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद ये दूसरा मौका होगा जब थराली के बाद पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव (By-election) होंगे। 

हालांकि पिथौरागढ़ उपचुनाव में पार्टी के प्रवक्ता सुरेश जोशी और कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष केदार जोशी भी प्रबल दावेदारों की सूची  में शामिल हैं। केएमवीएन के अध्यक्ष केदार जोशी की अगर बात करें तो वे राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त हैं। वहीं भाजपा के पिथौरागढ़ के दूसरे वरिष्ठ नेता सुरेश जोशी पार्टी के प्रवक्ता होने के साथ -साथ तेजतर्रार नेता भी माने जाते हैं। सुरेश जोशी पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की दावेदारी करते रहे हैं। लेकिन स्व. प्रकाश पंत की मजबूत पकड़ के चलते वे हर बार टिकट पाने से वंचित रहे । इतना ही नहीं वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जब यह कहा जाने लगा था कि प्रकाश पंत लाल कुआं से चुनाव लड़े तो सुरेश जोशी का नाम पिथौरागढ़ से पहले नंबर पर आ गए थे, लेकिन ऐन वक्त पर प्रकाश पंत ने पलटी मारते हुए लाल कुआं की बजाए पिथौरागढ़ से ही चुनाव लड़ना बेहतर समझा था और वे वहां से विधायक चुन लिए गए।

चर्चा है कि भाजपा के भीतर के कुछ लोगों का मानना है कि स्वर्गीय प्रकाश पंत के परिवार से ही  उनकी पत्नी चंद्र पंत या उनके भाई भूपेश पंत में से किसी को टिकट दिया जाए जबकि एक राय यह भी बन रही है कि पार्टी नई लीडरशिप (Leadership) तैयार कर किसी नए चेहरे को टिकट दे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अभी सभी विकल्प खुले हुए हैं और कई बिंदुओं पर बात चल रही है। हालांकि टिकट पर अंतिम निर्णय कांग्रेस पर भी निर्भर करता है कि की वह इस चुनावी दंगल में अपनी पार्टी की तरफ से किसको मैदान में उतारती है। भाजपा का मानना है कि कांग्रेस भी पिथौरागढ़ में मजबूत स्थिति में अब तक रही है लिहाज़ा भाजपा को भी किसी मजबूत व्यक्ति पर दांव लगाना पड़ेगा।