उम्मीदों के उग रहे मशरूम
मल्टीनेशनल कम्पनी की नौकरी को छोड़कर लौटा अपने गांव
गांव में न जाने के कितने लोग थे जिन्होंने उड़ाया था मेरा मजाक
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : हम पलायन पर चिंता तो जताते हैं, लेकिन शहर की जिंदगी छोड़कर गांव लौटने का साहस नहीं जुटा पाते। ऐसे वक्त में टिहरी के बिपिन बडोनी जैसे लोग उम्मीद जगाते हैं।
टिहरी गढ़वाल के रहने वाले बिपिन बड़ोनी के पिता सतीश बड़ोनी सरकारी महकमें में नौकरी करते हैं और उनकी माता शैला बड़ोनी गृहणी हैं।