शीतकाल के लिए मक्कूमठ में तपस्यारत हुए बाबा तुंगनाथ 

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  • तुंगनाथ दर्शनों के लिये उमड़े हजारों श्रद्धालु

रुद्रप्रयाग। तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल तुंगनाथ मन्दिर मक्कूमठ के गर्भगृह में शीतकाल के छह माह के लिए तपस्यारत हो गई है। चल-विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ पहुंचने पर हजारों की संख्या में धियाणियों, प्रवासियों, हक-हकूकधारियों व ग्रामीणों ने चल विग्रह उत्सव डोली के दर्शनकर पुण्य अर्जित किया। तुंगनाथ मंदिर मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ की शीतकाल के छह माह की पूजा शुरू हो गई है।

सोमवार को भनकुण्ड में चल विग्रह उत्सव डोली के साथ चल रहे पंच पुजारियों, हक-हकूकधारियों ने चल विग्रह उत्सव डोली के साथ चल रहे कई देवी-देवताओं के निशाणों की विशेष पूजा-अर्चना कर आरती अतारी और लगभग दस बजे चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई। डोली आगमन पर विभिन्न पडावों पर श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ की डोली को अर्घ्य लगाकर विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की।

दोपहर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल तुंगनाथ मन्दिर मक्कूमठ में पहुंची और मुख्य मन्दिर सहित अन्य मन्दिरों की परिक्रमा कर अपने शीतकालीन विश्राम स्थल पर विराजमान हुई। मक्कू व पाब-जगपुडा के ग्रामीणों ने भी भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को अर्घ्य लगाकर मनौतियां मांगी और हक-हकूकधारियों ने आरती उतारी। शीतकाल के छह माह की पूजा तुंगनाथ मन्दिर मक्कूमठ में पंच पुजारियो व हक-हकूकधारियों द्वारा की जायेगी।

विदित हो कि विगत 27 अक्टूबर को भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद कर दिये गये थे। जिसके बाद तुंगनाथ की डोली ने प्रथम रात्रि प्रवास चोपता में किया। द्वितीय और तृतीय रात्रि प्रवास तुंगनाथ की डोली ने भनकुंड में किया। जिसके बाद सोमवार को डोली अपने शीतकालीन गददीस्थल मक्कूमठ पहुंची। इस मौके पर केदारनाथ के विधायक मनोज रावत, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, मंदिर अधिकारी भूपेन्द्र मैठाणी, मंदिर के प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, पूर्व प्रधान जय सिंह चौहान, प्रधान सरस्वती देवी, सामाजिक कार्यकर्ता ताजबर खत्री, चन्द्रबल्लभ मैठाणी, प्रकाश मैठाणी सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।