टिम्मरसैंण में होंगे बाबा बर्फानी के आज से दर्शन

0
761
  • यात्रियों के ठहरने के लिए नीती के गांवों में व्यवस्था
  • गमशाली, बांपा व आसपास के गांवों में यात्रियों के ठहरने का इंतजाम

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

जोशीमठ : चमोली जिले की नीती घाटी में स्थित टिम्मरसैंण महादेव मंदिर में बाबा बर्फानी की यात्रा आज सोमवार से शुरू होगी इसके लिए समाजसेवी उदित घिल्डियाल के नेतृत्व में श्रद्धालुओं का एक जत्था जोशीमठ से निकल चुका है जो आज दर्शन करने के बाद वापस लौट जायेगा। इसके बाद अनेको दल बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए तपोवन मार्ग पर हैं।  वहीं इसके लिए स्थानीय मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी कर ली है। यात्रियों के ठहरने के लिए नीती के आसपास के गांवों में व्यवस्था की गई है। समिति के सदस्यों ने नीती व आसपास के गांवों में डेरा डाल दिया है।

गौरतलबहो कि समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित  बाबा बर्फानी भारत तिब्बत चीन सीमा से लगा अंतिम गांव नीति, समुद्र तल से 3600 मीटर की उंचाई पर स्थित है। यहां गांव के पास ही स्थित है शिव मंदिर, जिसमें शीतकाल में बर्फबारी होने के चलते स्वयं बर्फ का शिवलिंग बनता है।

चमोली जिले की नीती घाटी के टिम्मरसैंण में स्थित महादेव की गुफा में बर्फ का शिवलिंग अमरनाथ स्थित शिव लिंग का जैसा पूर्ण आकार ले चुका है। यहां पर कई अन्य बर्फ के शिवलिंग भी बने हुए हैं। नीती महादेव सेवा समिति के पदाधिकारियों व स्थानीय ग्रामीणों ने टिम्मरसैंण में पहुंचकर यात्र की तैयारियां पूरी कर दी हैं।

समिति के अध्यक्ष शेर सिंह राणा ने बताया कि गमशाली, बांपा समेत आसपास के गांवों में यात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया गया है। उन्होंने बताया कि टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी पूर्ण आकार ले चुके हैं। टिम्मरसैंण गुफा के अंदर अन्य शिवलिंग भी बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस समय मौसम साफ है और यात्री आसानी से टिम्मरसैंण पहुंच सकते हैं।

उन्होंने बताया कि सीमा सड़क संगठन ने नीती हाईवे से बर्फ को भी हटा दिया गया है। नीती पुल से एक किमी पैदल दूरी पर भी पैदल मार्ग को दुरुस्त कर दिया गया है। बांपा के प्रधान धर्मेंद्र पाल ने बताया कि समिति के पदाधिकारियों ने यात्र से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर दी है। बताया कि बांपा, गमशाली में पहुंचकर ग्रामीणों ने यात्रा की सभी तैयारियां की हैं।

Previous articleआर्थिक संकट में है सरकारी हेलीकॉप्टर कंपनी पवनहंस
Next articleकेदारनाथ के मौसम की जानकारी के लिए मौसम केंद्र हुए स्थापित
तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे