आशा की किरणें पुरस्कार से राज्य की महिलायें हुई सम्मानित

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सम्मानित होने वाली महिलाओं में डा. सोना उनियाल, रंजना, बीना देवी व पुष्पा देवी

श्रीनगर गढ़वाल। पर्वतीय विकास शोध केंद्र, अतिरिक्त सोच नियोजन आयोग एवं डालियों का दगडिय़ा संगठन की संयुक्त पहल पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में चार महिलाओं को आशा की किरणें महिला सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाली महिलाओं में डा. सोना उनियाल, रंजना, बीना देवी व पुष्पा देवी शामिल रही।

सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि डा. कमल टावरी ने कहा महिलाएं अपनी विशिष्ट क्षमताओं से समाज में बेहतर कार्य कर रही हैं। कहा उनके कार्यों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के ऊपर श्रम का बोझ कम किए जाने की आवश्यकता बताई। मुख्य वक्ता उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील राजेंद्र शर्मा ने कहा पहाड़ की महिलाओं ने अपनी कार्यक्षमता से विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। विशिष्ट अतिथि पर्यावरणविद् जगत सिंह चौधरी जंगली ने कहा पहाड़ की महिलाएं यहां की रीढ़ हैं।

उन्होंने कहा पहाड़ की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका है। प्रो. अमित कुमार सिंह ने कहा अपने कार्यों में व्यस्त रहने के कारण पहाड़ की महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। संचालन डा. अरविंद दरमोड़ा ने किया। मौके पर भूगोल विभाग के डा. मोहन पंवार, देवी प्रसाद पैन्यूली, डा. अनंतराम मंमगाई, हर्षमणी उनियाल, गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेमबल्लभ नैथानी आदि मौजूद रहे। सम्मान प्राप्त डा. सोना उनियाल को दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में स्कूल संचालन, रंजना को विपरीत परिस्थितियों में आगे आकर अपने परिवार का भरण पोषण के साथ ही स्वयं अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने तथा बीना देवी व पुष्पा देवी को स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर कृषिकरण को आर्थिकी से जोडऩे का कार्य किए जाने के लिए यह सम्मान दिया गया।

भारत सरकार के पूर्व सचिव डा. कमल टॉवरी, मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अमित कुमार सिंह, पर्वतीय विकास शोध केंद्र नोडल अधिकारी डा. अरविंद दरमोड़ा, डालियों का दगडिय़ा संगठन के डा. मोहन पंवार व प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह चौधरी जंगली के हाथों दिए गए सम्मान में उन्हें प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्ल भेंट किया गया।

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