भाजपा की कुंडली में बन रहा गुरु-चांडाल योग से परेशानियां और उलझनें
देहरादून : उत्तराखंड में सियासत का पारा चढ़ा हुआ है क्योंकि उत्तर प्रदेश के साथ ही सवाल यही बना हुआ है कि अबकी बार उत्तराखंड में किसकी सरकार? इस बार का विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा की तरह उत्तरखंड के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बीते कुछ महीने पहले ही विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में भारी उलट फेर करते हुए यहां सत्ता परिवर्तन का प्रयास किया था और कांग्रेस के हरीश रावत सरकार को सत्ता से हटाने की कोशिश की थी। लेकिन किस्मत ने हरीश रावत का साथ दिया और विपक्षी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी।
लेकिन क्या विधान सभा चुनाव में भी इस बार किस्मत हरीश रावत का साथ देगी या भाजपा की हवा उत्तरखंड की सियासत में परिवर्तन लाएगी। सूबे के तमाम ज्योतिषियों व तांत्रिकों व पंडित उनियाल जी के अनुसार मुख्यमंत्री हरीश रावत इस बार भी तमाम एग्जिट पोल के गणित को धत्ता बताते हुए एक बार फिर सूबे में सरकार बनाने में सफल हो सकते हैं।
सबसे पहले हम उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत की कुंडली देखें तो पाते हैं कर्क राशि के हरीश रावत के सितारे इन दिनों बुलंदियों पर हैं। इनकी कुंडली में चन्द्रमा अपने घर में बैठा है और संयोग से इस समय चन्द्रमा की दशा भी चल रही है। शुभ ग्रहों की दशा के कारण ही हरीश रावत अपने खिलाफ हुए षड्यंत्र का अंत करते हुए वापस सत्ता में बने रहे।
26 जनवरी को शनि के राशि परिवर्तन के बाद की स्थिति हरीश रावत को जनता के और करीब लाने में सहायक रहेगी। हरीश रावत उत्तराखंड में अपने विरोधियों को मात देकर वापस सत्ता में आ जाएं इसकी संभावना प्रबल दिखती है। साल 2016 में देहरादून में हुए ज्योतिष महाकुंभ सम्मेलन में बेजन दारुवाला ने भी इस बात का दावा किया था कि हरीश रावत बहुमत के साथ विधान सभा चुनाव जीतेंगे और वापस इनकी सरकार आएगी।
इसी सम्मेलन में बेजन दारुवाला ने हरीश रावत को चेताया भी था कि उन्हें अपने कुछ सहयोगियों से सतर्क रहना चाहिए और बात उस समय सही भी साबित हुई थी जब हरक सिंह रावत ने सीडी प्रकरण में इन्हें कुछ समय के लिए सत्ता से दूर कर दिया था।
दूसरी ओर भाजपा की कुंडली में बन रहा गुरु-चांडाल योग उनके लिए उलझन और परेशानियों को बढ़ाने वाला साबित होगा। कांग्रेस पार्टी की मीन लग्न की कुंडली में यूपी विधान सभा चुनावों के समय गुरु में शुक्र की विंशोत्तरी दशा चलेगी। इसके प्रभाव से इस पार्टी का प्रदर्शन न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि उत्तर प्रदेश में भी बेहतर हो सकता है।