गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का विधान सभा में हुआ संकल्प पारित

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  • संत गोपालमणि की गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग हुई पूरी 
  • राज्य मंत्री रेखा आर्य ने सदन में  पेश किया संकल्प

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : देवभूमि उत्तराखंड से गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की उठी मांग पर राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में अपनी मुहर लगा दी।इसके साथ ही  उत्तराखण्ड राज्य गाय को यह सम्मान देने का संकल्प पारित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सरकार की ओर से बुधवार को प्रस्तुत संकल्प को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अब इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उत्तराखंड के संत गोपालमणि महाराज ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को राज्य विधानसभा से पारित हो जाने के बाद राज्य सरकार के साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा विपक्ष का आभार जताया है।

गौरतलब हो कि उत्तराखंड के संत गोपालमणि महाराज गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मुहिम छेड़े हुए हैं। इस सिलसिले में वह देश के सभी जिलों के साथ ही राजधानी दिल्ली में कई बड़े आयोजन कर चुके हैं। सत्र से ठीक पहले दून में हुई संत गोपालमणि महाराज की गोकथा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत सरकार के मंत्रियों के अलावा सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों ने गाय को सम्मान दिलाने की मुहिम में उनके साथ खड़ा होने का भरोसा दिया था।

वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे में शामिल ‘गाय व गंगा’ पर सरकार का खास फोकस है। इसे देखते हुए सरकार ने अब गाय को सम्मान देने की दिशा में अहम कदम उठाया है। पशुपालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने बुधवार को सदन में संकल्प पेश किया कि ‘यह सदन भारत सरकार से आग्रह करता है कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए’। उन्होंने गाय के धार्मिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, सामाजिक व आध्यात्मिक महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हिन्दू  धर्म में गाय को माता का दर्जा है और गाय का दूध मां के दूध का विकल्प भी है। वैज्ञानिक शोधों में यह प्रमाणित भी हुआ है। उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए राज्य में अधिनियम लागू है। गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा मिलने पर इस कानून को भी बल मिलेगा।

विपक्ष ने इस संकल्प का स्वागत करने के साथ ही गोवंश की दशा को लेकर सरकार को आइना भी दिखाया। नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि राष्ट्रमाता घोषित करते हुए सरकार क्या संकेत देना चाहती है। कहीं ये संकल्प केंद्र को खुश करने के लिए तो नहीं लाया गया है। क्योंकि गाय को तो हमेशा से ही मां का दर्जा प्राप्त है। उसके तो दर्शन मात्र से लाभ प्राप्त हो जाता है। बेहतर होता कि सरकार सड़कों पर बीमार, भूखे गोवंश का ख्याल रखती। गोशालाओं में बेहतर इंतजाम किए जाते। ऐसा न हो कि गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देकर उसका अपमान किया जाए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं चकराता से विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सभी गोमाता में आस्था रखते हैं। गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का हम स्वागत करते हैं। साथ ही सरकार यह भी बताए कि गोवंश संरक्षण के लिए कितनी ईमानदारी से कार्य हुए हैं। गोवंश संरक्षण कानून प्रदेश में दिखाई पडऩा चाहिए।

विधायक प्रीतम पंवार ने भी संकल्प को स्वागतयोग्य बताते हुए कहा कि गाय का महत्व हमारे जीवन से लेकर मृत्यु तक है। भाजपा विधायक विनोद चमोली, देशराज कर्णवाल, संजय गुप्ता आदि ने भी चर्चा में भाग लिया। इसके बाद यह संकल्प सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके साथ ही गाय को यह सम्मान देने की मांग करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।