…..मीडिया के सामने फूट-फूटकर रो पड़ी आशा

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  • -टिकट बंटवारे के बाद भाजपा में फूटे बगावत के सुर

  • -जो कांग्रेस की नहीं हुई, वह भाजपा की क्या होगी

  • -टिकट न मिलने से पूर्व विधायक आशा नौटियाल निर्दलीय लड़ सकती हैं चुनाव

  • -भाजपा के कई पदाधिकारी आये नौटियाल के समर्थन में

  • -नौटियाल के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा प्रत्याशी को होगी परेशानी

    रुद्रप्रयाग । भाजपा में टिकट बंटवारे के बाद बगावत के सुर फूटने लगे हैं। केदारनाथ विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुकी आशा नौटियाल ने भी कार्यकर्ताओं के दबाव के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। वे मीडिया के सामने आई और अपने दर्द को बंया किया। इस दौरान उनके आंखों से अश्रु की धारा भी बहने लगी और रोते हुए उन्होंने कहा कि संघ की रिपोर्ट में वह पहले स्थान पर थी और प्रदेश संगठन को भी पता था कि केदारनाथ विधानसभा से शैलारानी रावत चुनाव नहीं जीत रही हैं, लेकिन बावजूद इसके शैलारानी रावत को टिकट दिया गया।

    उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके साथ सरासर गलत किया है, जिसका खामियाजा अब भाजपा को भुगतना होगा। बागी विधायकों को टिकट देकर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि केदारघाटी की जनता और संगठन के पदाधिकारी उनके साथ हैं। उन पर चुनाव लड़ने का दवाब बनाया जा रहा है और वे कार्यकर्ताओं की राय के बाद निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ेंगी।

    पूर्व विधायक ने कहा कि जो कांग्रेस की नहीं हुई, वह भाजपा की क्या होगी। अपने हितों के लिए पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई और अब केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर टिकट ले लिया, लेकिन जनता सबकुछ समझती है। केन्द्र की ओर से कुछ दिन पहले तक उनका टिकट पक्का होने की बात की जा रही थी, मगर ऐन वक्त पर टिकट काटा गया।

    उन्होंने कहा कि मैं दल-बदल का शिकार हुई हूॅं और जन भावना मेरे साथ है। जन भावना का सम्मान और कार्यकर्ताओं की राय के बाद निर्दलीय चुनाव लडूंगी। भाजपा के जिला मंत्री विनोद डिमरी ने कहा कि पार्टी ने सबकुछ जानकर भी गलत फैसला लिया है, जिसका खामियाजा पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा।

    अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के ज्येष्ठ प्रमुख प्रबल सिंह नेगी ने कहा कि संगठन से कई कोई चूक हुई तो संगठन को अपना फैसला बदलना चाहिए। यदि पार्टी संगठन अपना निर्णय नहीं बदलता है तो आशा नौटियाल को पूर्ण समर्थन दिया जायेगा। इस मौके पर हीरा सिंह नेगी, मदन सिंह, श्रीमती बिमला बर्त्वाल , उमाकांत बशिष्ठ, राजेन्द्र नेगी, दीपक सिंह रावत, महिपाल नेगी, नरेन्द्र सिंह रावत, राकेश कांडपाल, संतोष लाल, विजयपाल कठैत, महेश सिंह, कुंवर सिंह, भागचन्द्र नेगी, मुकेश चंद, विनोद सिंह सहित कईं कार्यकर्ता मौजूद थे।

    वहीँ केदारनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा से शैलारानी रावत को टिकट दिए जाने की चर्चाओं के बीच पार्टी में बगावत के सुर भी उभरने लगे हैं। जिला एवं मंडल पदाधिकारियों ने केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इस संबंध में पत्र भेजा है, जिसमें बागी विधायक को टिकट देने पर पुन: विचार करने की मांग की है।

    दूसरी तरफ केदारनाथ में भाजपाइयों ने शैला रानी रावत को लेकर अपना रोष भी जताया। ऊखीमठ के ज्येष्ठ प्रमुख प्रबल सिंह, विपिन सेमवाल, मंडल अध्यक्ष भगत सिंह कोटवाल, मदन सिंह चौहान, श्रीनंद जमलोकी, दिवारी तिवारी, घनश्याम पुरोहित ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र भेजा है।

    केदार घाटी के भाजपा नेताओं का कहना  है कि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई केदारनाथ की पूर्व विधायक पर आपदा राहत राशि वितरण में कई आरोप लगे हैं। ऐसे में पार्टी का यह निर्णय जनभावनाओं की अनदेखी प्रतीत हो रहा है।

    भाजपा के जिला व मंडल पदाधिकारियों ने पूर्व विधायक पर अन्य कई आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने केंद्रीय अध्यक्ष से पत्र का संज्ञान लेते हुए कहा अब  पार्टी को जहां केदारनाथ सीट पर हार का मुंह देखना पड़ेेगा, वहीं, विधानसभा क्षेत्र के सभी पार्टी पदाधिकारी अपने पदों से सामूहिक इस्तीफा देंगे।