सेना के जवान ने लौटाया यात्रियों का रूपये व आभूषणों से भरा बैग

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सैनिक धर्मेन्द्र ने की ईमानदारी की मिशाल की कायम

रुद्रप्रयाग। केदार यात्रा पर आये कर्नाटक के कुछ तीर्थ यात्रियों के पैसों और आभूषणों से भरे बैग को लौटाकर भारतीय सेना के एक जवान ने मिशाल कायम की है। सेना के जवान की इस ईमानदारी पर यात्री बेहद गद्गद नजर आये और उन्होंने जवान के साथ ही स्थानीय प्रशासन की भी प्रशंसा की।

दरअसल, कर्नाटक से यात्रियों का एक दल बाबा केदार के दर्शनों के लिये आया था। केदारनाथ से दर्शन करने के बाद तीर्थ यात्रियों का दल पैदल मार्ग से वापस लौटा। इस दौरान यात्रियों का पैंसों और आभूषणों से भरा बैग रास्ते में कहीं गिर गया। यात्रियों ने बैग की काफी खोजबीन की, लेकिन बैग कहीं नहीं मिला। बैग खोने के बाद तीर्थ यात्री बद्रीनाथ के दर्शनों के लिये चले गये। इस दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में भारतीय सेना के जवान धर्मेन्द्र को यात्रियों का बैग मिला। धर्मेन्द्र ने बैग खोला तो उसमें पैंसे, गहने और एक मोबाइल था।

धर्मेन्द्र ने मोबाइल निकालकर यात्रियों से संपर्क करना चाहा, लेकिन मोबाइल बंद था, जिसके बाद धर्मेन्द्र गौरीकुंड आया और मोबाइल को चार्ज करके यात्रियों से संपर्क किया, लेकिन तब तक यात्री बद्रीनाथ के लिये निकल चुके थे। मंगलवार को यात्री भगवान बद्रीनाथ के दर्शन करने के बाद रुद्रप्रयाग पहुंचे। धर्मेन्द्र भी रामबाड़ा से रुद्रप्रयाग पहुंचा और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में यात्रियों को उनका बैग लौटा दिया। धर्मेन्द्र भारतीय सेना का जवान है और इन दिनों छुटटी पर घर आया है। धर्मेन्द्र के भाई की दुकान रामबाड़ा में है।

धर्मेन्द्र भी भाई का हाथ बंटाने और बाबा केदार के दर्शनों के लिये गया था। धर्मेन्द्र मूल रूप से ऊ खीमठ का रहने वाला है। धर्मेन्द्र की ईमानदारी पर यात्री खुश नजर आये। यात्री गिरीश ने कहा कि धर्मेन्द्र ने उनका बैग लौटाकर ईमानदारी की मिशाल कायम की है। आज के दौर में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, लेकिन धर्मेन्द्र ने दर्शा दिया कि वह देवभूमि के रहने वाले हैं और भारतीय सेना के ईमानदार सिपाही हैं। उन्होंने कहा कि बैग में एक लाख रूपये और कुछ गहने थे। पुलिस उपाधीक्षक श्रीधर प्रसाद बडोला ने बताया कि यात्रियों का बैग केदारनाथ से वापस लौटते समय रामबाड़ा के निकट गिर गया था, जो कि धर्मेन्द्र को मिला और उसने यात्रियों को ईमानदारी के साथ लौटा दिया।