भगवान बद्रीनाथ जी से कपाट यथा समय ना खुलने पर पूजा अर्चना कर की क्षमा याचना

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चारधाम तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारियों ने सरकार की बुद्धि सुद्धि के लिए की प्रार्थना 

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख में बदलाव किया गया जो शास्त्र सम्मत नहीं

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून  : भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट शास्त्रसम्मत तरीके के न खुलने के चलते गुरुवार को चारधाम तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष श्री कृष्ण कांत कोटियाल सहित कई पुरोहितों ने सुबह साढ़े चार बजे भगवान बद्री विशाल की पूजा अर्चना कर बदरीनाथ धाम के कपाट बसंत पंचमी के दिन निर्धारित समय पर न खुलने पर भगवान बदरीनाथ जी से क्षमा याचना की।
चारधाम तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष श्री कृष्ण कांत कोटियाल ने अपने निवास पर भगवान बद्रीनाथ जी का अभिषेक किया व विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया, तो वहीं कई पुरोहितों ने सुबह साढ़े चार बजे भगवान बद्री विशाल की पूजा अर्चना कर बदरीनाथ धाम के कपाट आज न खुलने पर क्षमा मांगी। भगवान बद्रीनाथ जी से पट समय पर ना खुल पर क्षमा याचना की और सरकार की बुद्धि सुद्धि के लिए प्रार्थना की।
इस दौरान तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारियों ने पुनः केवल बद्रीनारायण के कपाट खुलने की तिथि में अचानक बदलाव पर सरकार को घेरा और इसे गलत बताते हुए कहा कि यह शास्त्र सम्मत नहीं है व अशुभ है। उन्होंने कहा जब मां गंगोत्री, यमनोत्री व बाबा केदारनाथ के कपाट समय पर खुल सकते हैं तो बद्रीनारायण जी के कपाट खुलने की तिथि में यह बदलाव बद्रीनाथ धाम में सरकार की व्यवस्था व संसाधन जुटाने में नाकामी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा सरकार अब तक प्रदेश के बाहर फंसे तीर्थपुरोहितों व होटल कर्मचारियों को अब तक प्रदेश वापस नहीं ला पायी यह बड़ी नाकामी है। उन्होंने प्रदेश सरकार को उत्तरप्रदेश सरकार से सीखने की सलाह दी जिन्होंने इस कोरोना काल में भी एतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड व्यवस्था जुटाने में नाकाम रहा है सरकार ने पदेन सदस्य तो बना रही है पर अब तक कर्मचारी व अधिकारी तक पूरे नहीं कर पायी आख़िर विधायकों को पदेन सदस्य बनाने की सरकार को इतनी जल्दी क्यों थी? चारधाम तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारी महापंचायत के लोगों का कहना है कि टिहरी महाराज मनुजेंद्र शाह के साथ मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की बैठक में धाम के कपाट खुलने की तारीख में बदलाव किया गया जो शास्त्रसम्मत नहीं कहा जा सकता।
गौरतलब हो कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी को टिहरी राज दरबार पंचांग गणना के आधार पर होती है। इस वर्ष पहली बार निर्धारित तिथि के अनुरूप तिथि में बदलाव किया गया है। पूर्व में महाराजा टिहरी के निवास स्थान राज महल नरेंद्र नगर में तय कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार यानी 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने थे, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए तय किया गया था कि आगामी 15 मई को कपाट खोले जाएंगे।