AIIMS महिलाओं में बढ़ते स्तन के कर्क रोग के प्रति कर रहा है जागरुक

ब्रेस्ट कैंसर की शिकायतों के मद्देनजर जनजागरुकता अभियान

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ब्रेस्ट कैंसर के मामले महिलाओं में दूसरे पायदान पर : प्रो. रवि   

शिविर में 42 महिलाओं का स्वास्थ्य व स्तन परीक्षण छह महिलाओं को मैमोग्राफी के लिए एम्स रेफर

स्तन में कोई भी गांठ, दर्द या स्तन में बदलाव की स्थितियों को नहीं करें नजरअंदाज

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान AIIMS  ऋषिकेश व मैना फाउंडेशन, नेशनल हेल्थ मिशन उत्तराखंड के संयुक्त तत्वावधान में नरेंद्रनगर में महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसमें महिलाओं में बढ़ते स्तन के कर्क रोग के मद्देनजर उन्हें इस रोग के प्रति जागरुक किया गया।

एम्स ऋषिकेश की ओर से नरेंद्रनगर के कंकरखेड़ा में महिलाओं में बढ़ते स्तन के कर्क रोग( ब्रेस्ट कैंसर) को लेकर जनजागरुकता शिविर का आयोजन किया गया,जिसमें उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उन्हें रोग के प्रति जागरुक किया गया।

इस अवसर पर अपने संदेश में निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान महिलाओं में बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर की शिकायतों के मद्देनजर जनजागरुकता अभियान चला रहा है। ब्रेस्ट कैंसर के मामले महिलाओं में दूसरे पायदान पर हैं, ऐसे में यदि महिलाएं जागरुक हों तो इस रोग की पहचान जल्दी व सरलता से की जा सकती है।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि मैमोग्राफी व महिलाओं द्वारा स्व स्तन परीक्षण से इस रोग का पता आसानी से लगाया जा सकता है। निदेशक एम्स के अनुसार मैना संस्था ऐसे महिला रोगियों की जांच में सहायता उपलब्ध करा रही है, लिहाजा सभी महिलाओं को परीक्षण कराकर इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए,जिससे वह इस तरह के रोग से ग्रस्त होने से बच सकें और उनका समय पर उपचार संभव हो सके।

शिविर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फकोट की मेडिकल ऑफिसर डा. श्रुती धूलिया ने 42 महिलाओं का स्वास्थ्य व स्तन परीक्षण किया। इनमें से छह महिलाओं को मैमोग्राफी के लिए एम्स रेफर कर दिया गया। शिविर में राज्य सरकार की मेडिकल ऑफिसर को एम्स ऋषिकेश में स्पेशल ब्रेस्ट कैंसर क्लिनिक की हेड प्रोफेसर बीना रवि ने स्तन संबंधी जांच का प्रशिक्षण दिया।

महिलाओं को स्तन में कोई भी गांठ, दर्द या स्तन में बदलाव की स्थितियों को नजरअंदाज नहीं करने व शीघ्र चिकित्सकीय सलाह लेने को कहा गया। चिकित्सकों ने महिलाओं को स्तन कैंसर को लेकर किसी प्रकार का संशय होने पर मैमोग्राफी का सुझाव दिया।

शिविर के आयोजन में एम्स सीएफएम विभाग की डा. मीनाक्षी खापरे, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर रमाकांत, आशा कार्यकत्री लक्ष्मी थपलियाल ने सहयोग किया।