किसानों  के लिए कृषि कानून बना कर कृषि संकट दूर किया जाए

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किसान सभा की राज्य कांसिल दो दिवसिय बैठक संपन्न

बैठक में प्रदेश के 11 जिलो के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

केंद्र ने किसानों के बजट में भारी कटौती कर पूंजीपतियों को दिया बढ़ावा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : केंद्र के किसान नेताओं ने कहा की मोदी सरकार ने बजट में किसानो के लिए भारी कटौती कर पूंजीपतियों को ही बढ़ावा दिया है जबकि देश के अंदर भारी कृषि संकट के चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं । संकट दूर करने के लिए किसानो को सब्सिडी को लाभ कारी मूल्य देने की बजाए धन्ना सेठो के लाभ के लिए कॉनट्रक्ट फार्मिंग व कारपोरेट फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है । संसद में लम्बित किसान संगठनों के सांसदों द्वारा पेश बिल पर चर्चा तक नहीं कर रही है ।

वक्ताओं ने कहा की दो वर्ष से चले किसानों के देश व्यापी आंदोलनों ने मोदी सरकार को घडयाली आंसू  बहाने को बाध्य किया है। किसान सभा मांग करती है कि श्रम कानूनों की भांति किसानों  के लिए कृषि कानून बना कर कृषि संकट दूर किया जाए ।

बैठक में राज्य गठन के बाद पर्वतीय क्षेत्रों की घोर उपेक्षा के चलते खेत बंजर हो गए है व गांवो की ताला बंदी पर घोर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस व भाजपा सरकारों को ही जिम्मेदार माना गया है ।

बैठक में कई प्रताव पारित किए गए जिनमे जंगली जानवरों से रोक थाम के लिए मनरेगा में व्यवस्था करना, कृषि में सरकारी निवेश जैसे बागवानी, रेशम उद्योग ,मौन व मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देकर कृषि को रोजगारोमुख, वनाधिकार कानून 2006,गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, किसानो को अपने पुत्रो को निशुल्क स्टाम्प पेपर पर भूमि हस्तांतरित कर आदि प्रस्ताव पारित कर संघर्ष करने का आवाहन किया गया ।

गौरतलब हो कि अखिल भारतीय किसान सभा की दो दिवसीय बैठक किसान सभा के कार्यालय गाँधी ग्राम स्थित पूरन चंद स्मृति भवन में संपन्न हुई । बैठक में केंद्र से दो पर्वेक्षक संयुक्त मंत्री एन के शुक्ला व विजू कृषनन उपस्थित थे । बैठक की अध्यक्षता सुरेन्द्र सिंह सजवान व संचालन गंगाधर नौटियाल ने की ।

बैठक में प्रदेश के 11 जिलो के 25 प्रतिनिधियों ने भाग लिया । बैठक में बच्चीराम कोंसवाल,शिवप्रसाद देवली,कमरुद्दीन ,दलजीत सिंह ,भगवान सिंह राना, राजेन्द्र सिंह,राजेन्द्र पुरोहित,रमेश धीमान,भूपाल रावत ,दिनेश पांडे ,माला गुरुंग ,सुधा देवली, रणजीत सिंह,याकूब अली आदि ने प्रस्ताव पेश किए व अनुमोदन किया ।