कांग्रेस का लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सदन में हंगामा, सदन अनिश्चितकाल के लिए हुआ स्थगित

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  • हरक सिंह रावत ने कांग्रेस ऐसा क्या कह दिया कि मच गया हंगामा

गैरसैंण : उत्तराखंड में लोकायुक्त को नियुक्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को सरकार पर हमलावर रुख अपना लिया। कांग्रेसी विधायक लोकायुक्त की  मांग को लेकर जुलूस की शक्ल में सुबह विधानसभा पहुंचे। इस दौरान सदन में भी कांग्रेसियों ने लोकायुक्त की मांग को जमकर हंगामा किया। वहीँ सरकार ने हंगामे के बीच विभागीय अनुदान व विनियोग विधेयक पारित कर जहाँ अपना विधायी कार्य पूरा कर डाला वहीँ स्पीकर हंगामे के बीच ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर डाली ।

सोमवार सुबह जैसे ही विधानसभा का सदन शुरू होने वाला था कांग्रेस के विधायक हाथों में लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग के नारे लिखी तख्तियां लेकर विधानसभा भवन के मुख्यद्वार तक पहुंचे। वहीँ विधानसभा में भी कांग्रेसी विधायकों ने राज्य में लोकायुक्त की  मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया। वहीँ सदन  शुरू होते ही कांग्रेसी विधायक सारे काम को रोककर नियम 310 में चर्चा की मांग करने लगे। 

सोमवार के सदन के छठे दिन हंगामे की शुरुआत प्रश्नकाल से ही आरंभ हो गई। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्दयेश ने काम रोको प्रस्ताव के तहत लोकायुक्त पर चर्चा की मांग की। इंदिरा के यह कहते ही वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत अपनी सीट पर खड़े हुए और तीखे अंदाज में कांग्रेस का विरेाध किया। हरक ने कहा कि, कांग्रेस चोरों की पार्टी है, उसे लोकायुक्त की बात करने का अधिकार नहीं है। यह सुनते ही कांग्रेस के सभी विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। उनके हाथों में लोकायुक्त को लेकर तख्तियां भी थी। दोनों पक्षों की ओर से तीखी बहस शुरू हो गई। सदन में 12 मिनट तक हंगामा जारी रहने पर विस अध्यक्ष ने सदन को आधे-आधे घंट के लिए दो बार स्थगित किया। प्रश्नकाल के बाद भी हंगामा जारी रहने पर विस अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू कर दी।

वहीँ  अध्यक्ष पीठ की तरफ से उनके द्वारा उठाये जा रहे लोकायुक्त की मांग को नियम 58 पर सुनने के अध्यक्ष का आश्वासन आया तो उसे विपक्ष ने ठुकरा दिया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को दोपहर 11.50 तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद एक बार फिर जैसे ही सत्र शुरू हुआ कांग्रेस विधायक फिर से हंगामा करने लगे। इस बीच हंगामे के दौरान ही सरकार ने विभागीय अनुदान व विनियोग विधेयक पारित किए गए। जिसके बाद विधानसभा स्पीकर ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर डाली ।

इससे पहले गैरसैण विधानसभा सत्र में वर्ष 2016-17 की CAG रिपोर्ट पेश की गई। इसमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाये गए हैं ।