देहरादून : टिहरी डैम की झील के जलस्तर को 825 से बढ़ाकर 828 करने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव प्रदीप कुमार पुजारी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इस पर अमल करने को कहा है। संभवतः उत्तराखंड में बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। लेकिन केंद्र के इस फैसले से अब उत्तराखंड शासन के सभी अफसर असमंजस में फंसे हुए हैं।
केंद्र द्वारा भेजे गए पत्र में कहा है कि टिहरी डैम का जलस्तर बढ़ाकर बिजली उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। जिसका फायदा प्रदेश को आर्थिक रूप से भी मिलेगा। शासन ने इस आशय का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है कि अब प्रदेश में गठित होने वाली नई सरकार द्वारा ही इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा।
टिहरी डैम की झील में अभी तक 825 मीटर तक ही पानी भरने की अनुमति है। हालांकि झील में अभी 780 मीटर तक ही पानी है। झील में पानी होने से बिजली का उत्पादन निर्धारित क्षमता के मुताबिक कम होता है। टिहरी डैम से लगभग एक हजार मेगावाट तक बिजली का उत्पादन हो सकता है, जो फिलहाल 400-500 मेगावाट के बीच है। झील की क्षमता के मुताबिक इसमें 830 मीटर तक पानी को भरा सकता है।
झील का जलस्तर बढ़ाने के मुद्दे पर दिल्ली में कई दौर की बैठक हो चुकी है। इस मुद्दे पर 10 अगस्त-2016 और 16 सितंबर 2016 को हुई बैठक के आधार पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने टिहरी डैम की झील के जलस्तर को बढ़ाने की अनुमति दे दी है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव ने प्रदेश सरकार भेजे पत्र में इस पर अमल करने को कहा है। दूसरी ओर शासन द्वारा इस मुद्दे पर सावधानी से कदम उठाया जा रहा है, क्योंकि झील के आसपास रहने वाले वालों को आशंका है कि इससे भूस्लखन का और खतरा बढ़ सकता है और उनको विस्थापित होना पड़ सकता है। मामला संवेदनशील होने की वजह से इस मुद्दे पर फैसला प्रदेश सरकार द्वारा लिया जाएगा।
मामले पर प्रमुख सचिव सिंचाई आनंद बर्धन का कहना है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस संबंध में पत्र भेजा है। मामला संवेदनशील है। इस संबंध में फैसला प्रदेश में गठित होने वाली नई सरकार द्वारा लिया जाएगा।