एक माँ ने कहा आपकी डबल इंजन की सरकार फेल है

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देहरादून : बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा बंद कर दो। रोती बिलखती उसने अपनी बच्ची को मंत्री की टेबल पर ही छोड़ दिया और खुद हाल के बाहर धरने पर बैठ गई। करीब साढ़े तीन बजे जब मंत्री की रजिस्ट्रार से बात हुई और उन्होंने जांच रिपोर्ट काउंसिल को सौंपने की बात बताई। इसके बाद पीड़ित महिला धरने से उठी। गौरतलब हो कि जांच रिपोर्ट में डा. अर्चना लूथरा को निर्दोष बताया गया है। महिला कुमकुम ने अप्रैल 2017 में डा. अर्चना लूथरा के क्लीनिक में ऑपरेशन के बाद एक बच्ची को जन्म दिया था। पैदा होने के बाद पता चला कि बच्ची डाउन सिंड्रोम नामक लाइलाज बीमारी से पीड़ित है। इस पर कुमकुम और उनके परिवार ने इसके लिए डा. लूथरा को जिम्मेदार बताते हुए उन पर ये तथ्य छिपाने का आरोप लगाया है।

भाजपा मुख्यालय में जनता दर्शन कार्यक्रम में  हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडेय के जहर खाकर कृषि मंत्री के सामने आ जाने की बाद गुरुवार को अब एक मां के आंसुओं और उसके बच्चे के साथ दून के डॉक्टरों के कृत्यों का काला सच जब सबके सामने लाया गया तो जो भी जनता दर्शन कार्यक्रम में आया था उसका दिल पसीज गया। इस दुखियारी मां ने डाउन सिंड्रोम से पीड़ित नौ माह की बच्ची को कृषि मंत्री की टेबल पर रखा दिया। रोती बिलकती यह महिला न्याय की गुहार लेकर तीन घंटे तक धरने पर बैठी रही। बता दें कि इससे पहले मंत्री उनियाल के सामने ही ट्रांसपोर्टर जहर खाकर पहुंचा था, जिसकी बाद में मौत हो गयी थी।

महिला कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दर्शन कार्यक्रम में शहर की डा. अर्चना लूथरा के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर पहुंची थीं। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे कृषि मंत्री सुबोध भाजपा मुख्यालय पहुंचे। जैसे ही वे हाल में पहुंचे तो कौलागढ़ की सैनिक कालोनी निवासी कुमकुम अपनी एक साल की बेटी को लेकर उनके पास पहुंची। आठवीं बार जनता दर्शन में आने के कारण मंत्री उनकी समस्या से भली-भांति वाकिफ थे। कुमकुम को देखते ही उन्होंने तुरंत मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार को फोन मिलाया। फोन नहीं उठा तो महिला ने साफ कहा कि मेरी बच्ची को आज न्याय चाहिए। उसने मंत्री से दो टूक कहा कि आपकी डबल इंजन की सरकार फेल है।