स्कूल में खिलाई गई कीड़े मारने की दवा से 11 बच्चे बीमार
रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से कृमि दिवस के अवसर पर सरकारी, गैर सरकारी व आंगनबाड़ी स्कूलों में 0 से 19 साल के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई गई, मगर दवाई खाने के बाद कुछ बच्चे बीमार हो गये। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया।
दरअसल, बच्चों के मानसिक व बौद्घिक क्षमता को बढ़ाने के लिए कृमि दिवस के अवसर पर एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जाती है, जिससे बच्चे कीटनाशक रोगों से दूर रहें और उनमें कोई बीमारी न हो। इस परिपेक्ष्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जिले के 56 हजार सौ बच्चों को दवाई पिलाई गई। इनमें 44, 500 सरकारी व गैर सरकारी एवं 11 हजार 519 आंगनबाड़ी स्कूलों के बच्चे शामिल हैं। छूटे हुए बच्चों को 28 फरवरी को दवा दी जा जायेगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ओपी आर्य ने बताया कि कृमि दिवस पर जिले के सभी बच्चों को कीटनाशक दवाई दी गई, मगर 14 बच्चे यह दवाई खाकर बीमार हो गये। जब इन बच्चों को जिला चिकित्सालय लाया गया तो पता चला कि दवाई खाकर उन्हें उल्टी, पेट दर्द की शिकायत हो रही है। श्री आर्य ने बताया कि खाली पेट दवाई खाने से बच्चों को यह परेशानी हुई है। प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों को घर भेजा गया है।
वहीँ रुडक़ी के धर्मपुर स्थित स्कूल में पेट के कीड़े मारने की दवा खाने से 11 बच्चे बीमार हो गए। इन्हें रुडक़ी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य के 27 लाख से अधिक बच्चों को बुधवार को राज्यभर में पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जा रही है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डा. डीएस रावत ने बताया कि राज्य के सभी सरकारी, प्राइवेट स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्र और मदरसों में बच्चों को यह दवाई खिलाई गई। दवाई खिलाने के इस अभियान में राज्यभर के 51 हजार से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है। इमरजेंसी से निपटने के लिए 108 सेवा को अलर्ट पर रखा गया है।
जानकारी के अनुसार इसी अभियान के तहत बुधवार का रुडक़ी के स्कूल में दवा खाने के बाद 11 बच्चे बीमार हो गए। इनका उपचार रुडक़ी सिविल अस्पताल में किया जा रहा है। बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। उधर, 108 सेवा से मिली जानकारी के अनुसार खटीमा में भी दवा खाने से बच्चे बीमार हुए हैं। इन बच्चों को संबंधित अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है।