पेयजल मंत्री के जिले में बोन पेयजल योजना में 13 लाख का घोटाला

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भाजपा के ही खोला मोर्चा कहा  जांच नहीं हुई तो करेंगे तालाबंदी

जल निगम ने पूर्व में बनायी गयी योजना के टैंक को नया दर्शाकर लाखों रूपये का किया घोटाला

धारचूला(पिथौरागढ़): धारचूला के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत बोन में निर्माणाधीन पेयजल योजना की उच्चस्तरीय जांच नहीं होने पर जनप्रतिनिधियों ने जल निगम के ईई कार्यालय डीडीहाट में तालाबंदी करने की चेतावनी दी है। दस हजार फीट ऊंचाई पर बन रही पेयजल योजना के निर्माण में गंभीर अनियमित्ताऐं की गयी है। इधर पिथौरागढ़ में भाजपा ने भी जनप्रतिनिधियों की मांग का समर्थन करते हुए जिलाधिकारी को पत्र सौपकर तत्काल कार्यवाही की मांग की है।
दारमा घाटी के ग्राम पंचायत बोन में स्वेप योजना के अन्तर्गत 36 लाख रूपये की लागत से पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक इस योजना में 13 लाख रूपये खर्च किये जा चुके है। ग्राम पंचायत बोन के सामाजिक कार्यकर्ता महेश बोनाल, नवयुवक मंगलदल बोन के अध्यक्ष सागर सिंह, उप प्रधान बोन कृष्णा देवी महिला मंगलदल अध्यक्ष दयमन्ती बोनाल, अनुसूचित जनजाति बहुउद्देश्यी समिति गोठी के अध्यक्ष भवान सिंह ने पेयजल मंत्री प्रकाश पन्त, जिलाधिकारी तथा जल निगम के अधीक्षण अभियन्ता को शिकायती पत्र भेजा है।

उन्होंने बताया कि अभी तक जो 13 लाख रूपये खर्च किये गये है इसकी बर्बादी साफ नजर आ रही है। उन्होंने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्र के मौसम के अनुरूप कहीं पर भी पाईप लाईन नहीं लगया गया है जिस कारण अत्यधिक ठण्ड से पाईप फटते जा रहे है। पेयजल स्रोत पर बना चेम्बर योजना पूर्ण होने से पहले ही जर्जर हो गया है। इसके प्लास्टर उखड गये है। पानी के भण्डारण के लिए टैंक का निर्माण नहीं किया गया है।

जल निगम द्वारा पूर्व में बनायी गयी योजना के टैंक को नया दर्शाकर लाखों रूपये का घोटाला किया गया है। अभी तक किसी भी मौहल्ले में स्टेण्ड पोस्ट नहीं बनाया गया है। ग्राम प्रधान द्वारा अपने चहेतों को समिति में सदस्य बनाया गया है। विधायक के नजदीकी होने के कारण ग्राम प्रधान मनमानी पर उतर आये है। उन्होंने कहा कि पेयजल योजना निर्माण में खर्च किये गये धन की उच्च स्तरीय जांच नहीं हुई तो ग्रामवासी तालाबंदी करने के लिए मजबूर हो जायेंगे।

भाजपा के पूर्व विस प्रभारी जगत मर्तोलिया ने ग्रामीणों की मांगों के संदर्भ में आज जिलाधिकारी को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर किसी को बचाने वाली नहीं है इसलिए विभाग को अपना रवैया बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच की कार्यवाही शुरू नहीं हुई तो मुख्यमन्त्री के सम्मुख इस मामले का उठाया जायेगा।