11वें विज्ञान कांग्रेस में तीन वैज्ञानिकों सहित एक अध्यापक को राज्यपाल ने किया सम्मानित

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तीन वैज्ञानिकों सहित एक अध्यापक को राज्यपाल ने किया सम्मानित

कई शोध पत्रों को भी किया जायेगा सम्मानित 

11 वें  उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस 2016-17 का राज्यपाल ने किया उद्घाटन


देहरादून :
अपने अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण  कार्य करने वाले  तीन वैज्ञानिकों सहित एक अध्यापक को राज्यपाल डॉ. के.के.पॉल  ने किया सम्मानित किया इससे पूर्व समारोह के  मुख्य अतिथि माननीय राज्यपाल, डा. के.के. पॉल द्वारा 11 वें उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस, 2016-17 का उद्घाटन विज्ञान धाम परिसर में किया गया।

   वैज्ञानिकों का यह तीन दिवसीय सम्मेलन उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी परिषद (यू-कोस्ट) द्वारा विज्ञान धाम देहरादून में आयोजित किया जा रहा है ।
      इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी की उपलब्धियों का लाभ गरीबों तक पहुँचाकर उनकी आर्थिक उन्नति के लिए उत्तराखण्ड के युवाओं और जनसामान्य के बीच वैज्ञानिक सोच को विकसित करना नितान्त आवश्यक है।
     राज्यपाल ने कहा कि राज्य के पहाड़ी ़क्षेत्रों में सगन्ध पौधों, औषधीय पादपों, कृषि फसलों, फल-सब्जियों के माध्यम से औद्यौगिक प्रगति नितान्त आवश्यक है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, प्रौद्यौगिकी/तकनीकी जानकारी तथा विशेषज्ञता द्वारा ही यह संभव है।
    उन्होंने उम्मीद जताई कि सम्मेलन में वैज्ञानिकों द्वारा अपने विचार-विमर्श द्वारा निश्चित ही ऐसी निर्णायक रणनीति तैयार होगी जिससे राज्य विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में सतत् विकास की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
     उन्होंने कहा कि 26 विश्वविद्यालयों और कई राजकीय एवं केन्द्रीय संस्थानों से सम्पन्न होने के कारण उत्तराखण्ड शिक्षा का केन्द्र है। उत्तराखण्ड को सतत् विकास के रूप में परिवर्तित करना होगा और देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करना होगा।
      उन्होंने कहा कि पेटेन्ट सम्भावित व्यावसायिकरण के लिए परिश्रम किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि लक्ष्मी को प्राप्त करने का रास्ता सरस्वती अर्थात् ज्ञानार्जन ही है।  राज्यपाल ने कहा कि कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र सम्भावनाओं से भरपूर है, उत्तराखण्ड में कृषि के सतत् विकास के लिए एक मजबूत आधार देना होगा। उत्तराखण्ड में 6लाख टन से अधिक शितोष्ण फल तथा 4लाख टन से अधिक उष्णकटिबन्धिय सब्जियों का उत्पादन होता है उनमें से अधिकांश जैविक रूप में उपलब्ध हैं। हार्रवेस्टिंग से पहले और विपणन तक बुनियादी सुविधाओं के अभाव के परिणामस्वरूप ये बरबाद हो जाती हैं।
   उत्तराखण्ड सरकार को पर्वतीय राज्य में अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को स्थापित करने की ओर ध्यान देना चाहिए।  राज्यपाल ने आशा जताई कि इस विज्ञान सम्मेलन और इन संस्थाओं के लोगों द्वारा राज्य के समग्र विकास को एक नई आशा और दिशा मिलेगी। ये नए विचारों, दर्शन, आविष्कार, प्रयोगों, प्रौद्यौगिकी, नितियों, रणनितियों और उत्साह के साथ राज्य तथा भारत के विकास की गौरवशाली ऊंचाईयों को प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। इस दौरान  राज्यपाल तथा अतिथियों ने USSCT की स्मारिका का विमोचन भी किया। 
     इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्तराखण्ड के तीन प्रख्यात व वरिष्ठ वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी से सम्मानित सर्वश्रेष्ठ विज्ञान शिक्षक पुरस्कार पाने वाले शिक्षक को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।       

    इस अवसर पर डा.प्रवीन अरोरा, सलाहकार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, डा. एस.एस. नेगी, महानिदेशक, वन, पर्यावरण एवं मौसम परिवर्तन, भारत सरकार, डा. संजीव मिश्रा, निदेशक, एम्स, ऋषिकेश, डा. यू.एस. रावत, कुलपति, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, प्रो. ए.एन. पुरोहित, भूतपूर्व कुलपति, गढ़वाल विश्वविद्यालय, डा. एम.ओ. गर्ग, भूतपूर्व महानिदेशक, सीएसआईआर, डा. एस.पी.एस. खनूजा, भूतपूर्व निदेशक, सीमैप, लखनऊ विशेषतौर पर उपस्थित थे।

    कार्यक्रम के दौरान प्रो. आशा चन्दोला सकलानी को जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, डा. दिनेश के. असवाल को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में एवं डा. चन्द्र शेखर नौटियाल को जीव विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु Science & Technology Excellence Award, 2016-17 से अलंकृत किया गया। साथ ही अध्यापक  दीप चन्द्र जोशी, वीएमजेएस राजकीय इंटर कालेज, बागेश्वर को  उत्कृष्ठ विज्ञान शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

डा. एम.ओ. गर्ग, भूतपूर्व महानिदेशक, सीएसआईआर द्वारा फिजिकल साइंस में एवं डॉ. के.एस. मिश्रा, Former ADG, Geological Survey of India द्वारा लाइफ साइंस में लोकप्रिय व्याख्यान दिया गया। विज्ञान कांग्रेस में लगभग 450 शोधार्थियों द्वारा विभिन्न विषयों में शोध सारांश पत्रों का मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। शोध पत्रों को जज करने हेतु आमंत्रित विशेषज्ञों का भी आभार व्यक्त करता हूँ जो अपने अनुभव से शोधार्थियों को शोध की बारीकियों से अवगत करायेंगे। विज्ञान कांग्रेस के दौरान Science Conclave एवं Workshop on “S&T Innovation for ‘Make in India’ : Promoting Manufacturing at District level” का भी आयोजन किया जायेगा जिसमें विशेषज्ञों द्वारा अपने अनुभव साझा किये जायेंगे।

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