वर्ल्ड स्नो डे औली में मशीन से बर्फ बनाकर मनाया

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जोशीमठ :  ”वर्ल्ड स्नो डे” और बर्फ का कहीं नामोनिशान नहीं ऐसे में स्कीईंग प्रेमियों के लिए दुनिया के बेहतरीन ढलानों में प्रसिद्ध औली में रविवार को स्नो मेकिंग मशीन से मशीन बर्फ बनाकर वर्ल्ड स्नो डे मनाना पड़ा। मौसम की बेरुखी के कारण पहली बार ऐसी नौबत आयी, वरना जनवरी के महीने में औली में 4-5 फीट बर्फ हुआ करती थी। कृत्रिम बर्फ के लिए भी शून्य से माइनेस 6 डिग्री तापमान चाहिए। इसलिए मशीन से बनी बर्फ भी ज्यादा समय तक टिक नहीं सकी। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम चक्र में बदलाव के कारण बर्फ गिरने का समय बदल गया है। भारत, आस्ट्रिया, जापान, पौलेंड, लिथोआनिया, चीन, कजाकिस्तान, दक्षिण कोरिया समेत दुनिया के 45 देशों में 21 जनवरी को वर्ल्ड स्नो डे के रूप में मनाया जाता है। औली में आईटीबीपी हर साल स्नो डे मनाती है। 

औली में स्नो गन मशीनों से बनाई गई बर्फ को टावर नम्बर 8 से लेकर प्रारंभ के स्थान तक बिछाया गया। इसके बाद स्कीईं करके स्नो डे की रस्म अदायगी की गई। आईटीबीपी औली के प्रधानाचार्य गंभीर सिंह चौहान ने कहा कि जनवरी में औली बर्फ से लकदक रहती थी। लेकिन इस बार कृत्रिम बर्फ से स्नो डे मनाना पड़ा, जो चिंता का विषय है। 

स्की प्रशिक्षक कमल किशोर डिमरी कहते हैं कि तापमान नीचे नहीं आने के कारण बर्फ नहीं गिर रही है। औली में जनवरी माह में दिन का तापमान 5-6 डिग्री तक रहता था। मगर इस बार 21 जनवरी को तापमान 16 डिग्री रहा।