NH-74 मुआवजा घोटाले में अब एसआईटी के निशाने पर आए व्हाइट कालर

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  • किसानों के खाते की डिटेल से बिचौलियों तक पहुंचेगी एसआईटी 
  • पूछताछ के लिए एलाइड इंफ्रा की प्रिया शर्मा  को फिर बुलाया गया 
  • एसआईटी के खिलाफ पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ का धरना कल

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

रुद्रपुर। एनएच 74 में हुए मुआवजा घोटाले में एसआईटी जांच की आंच अब व्हाइट कालर  लोगों तक भी पहुँच चुकी है। हालाँकि एसआईटी अभी ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक करने से बच रही है लेकिन एसआईटी के पास शुरू से लेकर अब तक की पूरी फेहरिस्त पहुँच चुकी है। दरअसल, बतौर मुआवजा किसानों को किए गए भुगतान की राशि कहां और कैसे खर्च हुई? इस सूत्र के जरिए एसआईटी उन लोगों तक पहुंचेगी जिन्होंने बिचौलियों की भूमिका निभाई थी। गत दिवस एलाइड इंफ्रा की एमडी प्रिया शर्मा से हुई पूछताछ इसी कड़ी का हिस्सा बताया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें फिर पूछताछ के लिए तलब किया गया है। वहीँ एसआईटी एनएच घोटाले के आरोपी पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह की गहनता से तलाश कर रही है, मगर डीपी सिंह भूमिगत हैं।

यहां बता दें कि जिस दिन पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह के आवास पर आयकर का छापा पड़ा था, उसी दिन एलाइड इंफ्रा के दफ्तर व उनके आवास पर छापा पड़ा था। यानि कहीं न कहीं यह कड़ी आपस में जुड़ रही थी। एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि मनी ट्रेलिंग की जांच की जा रही है। जिसके तहत यह देखा जा रहा है कि किसानों को मुआवजे के तौर पर जो धनराशि दी गई, उसका कहां उपयोग किया गया। मनी ट्रेलिंग की जांच में कुछ संदिग्ध लोगों तक एसआईटी पहुंची है। उसी आधार पर एलाइड इंफ्रा की प्रिया शर्मा से एसआईटी ने पूछताछ की। उन्हें पुन: पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इसके अलावा उन बिचौलियों तक भी एसआईटी पहुंचेगी, जिन्होंने बैक डेट में जमीनों की 143 कराकर किसानों को लाभ पहुंचाया। बिचौलियों तक पहुंचने के लिए उनके खातों की डिटेल एसआईटी पहले ही खंगाल चुकी है। कई सफेदपोश लोग एसआईटी की जांच में बेनकाव हो सकते हैं। 

वहीँ मामले में एसआईटी को शक है कि पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह ने प्रिया शर्मा की कंपनी में घोटाले का पैसा लगाया है। पूर्व में जब डीपी सिंह के यहां आयकर के छापे पड़े थे तो भी प्रिया शर्मा के आवास व दफ्तर पर छापे पड़े थे। यानि इस बात का शक पहले से ही सरकार को है। एसएसपी डा. सदानंद एस दाते ने बताया कि प्रिया शर्मा से मनी ट्रेलिंग की जांच की जा रही है। 

हालांकि एसआईटी ने अभी दो ही तहसीलों की जांच की है और गदरपुर, बाजपुर, रुद्रपुर व किच्छा की जांच होना अभी बाकी है, लेकिन हर तहसील में गलत तरीके से लाभ लेने वाले किसानों के खातों की डिटेल खंगाली जाएगी। कहीं न कहीं बिचौलियों का खेल यहीं से खुलेगा। उधर, एसआईटी पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह की तलाश कर रही है, मगर उनका कोई सुराग नहीं मिला है।

मामले में एसआईटी के जांच अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि लुक आउट नोटिस और तमाम स्थानों पर छापेमारी के बाद भी पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह पुलिस को नहीं मिल पाए हैं लिहाजा अब उनके खिलाफ धारा 82 की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए न्यायालय से 82 के आदेश लिए जाएंगे। उसके बाद कुर्की की कार्रवाई भी की जा सकती है। धारा 82 में कुर्की का नोटिस जारी होता है। उसके बाद 83 के अंतर्गत कुर्की की कार्रवाई होती है।

एसआईटी के जांच में अब यह बात सामने आ गयी है कि बैक डेट में जमीनों की 143 करा कर कई गुना अधिक मुआवजा लेने के खेल की शुरूवात गदरपुर तहसील से हुई थी। गदरपुर में जब यह खेल शुरू हुआ तो यह खेल अन्य तहसीलों तक पहुंच गया। गदरपुर में हुए खेल का खुलासा भी हुआ था। उस वक्त सबसे पहले  मगर रसूखदारों की सरपरस्ती में यह मामला ही दब गया था लेकिन अब यह मामला एक बार फिर खुलने लगा है ।

वहीँ दूसरी तरफ पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ गुरुवार को एनएच 74 में हुए मुआवजा घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के खिलाफ धरना देने की घोषणा कर चुके हैं उनका यह धरना एसएसपी दफ्तर में होगा।  बेहड़ का कहना है कि एसआईटी खास लोगों को बचाने के लिए बाजपुर, गदरपुर व किच्छा की जांच नहीं कर रही है जबकि सबसे ज्यादा घपला इन इलाकों में हुआ है। उन्होंने अपने समर्थकों से अधिक से अधिक संख्या में धरने में पहुंचने की अपील की है।