क्या हुआ तब, जब एनएच-74 घोटाले का आरोपी डीपी सिंह पहुंचा एसएसपी दफ्तर

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  •  एसएसपी कार्यालय में पहुँच जब की सरेंडर करने की घोषणा 

हल्द्वानी : उसके चेहरे पर न पुलिस का खौफ और न पश्चाताप का कोई गम ही नज़र आ रहा था और न ही उसके चेहरे के भाव यह दिखा रहे थे कि वह किसी बड़े गुनाह का मुख्य किरदार ही है जिसको लेकर तमाम जद्दोजहद और कानूनी दांव-पेंच करने के बाद भी उधमसिंह नगर पुलिस और एसआईटी ही जिसे खोज नहीं पायी उसी एनएच मुआवजा घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व पीसीएस डीपी सिंह को पुलिस अचानक अपने बीच पाकर हतप्रभ ही नज़र नहीं आयी बल्कि वह सन्न भी रह गयी ।  गुरुवार को जब वह खुद ही अचानक एसएसपी सदानंद दाते के कार्यालय जा पहुंचा तो मुख्य आरोपी के अचानक  एसएसपी कार्यालय में देख पुलिस विभाग में में हडकंप मच गया और लेकिन पुलिस की इसी बदहवासी के बीच उसने एसएसपी कार्यालय में सरेंडर करने की घोषणा की ।

एसएसपी कार्यालय में  तब वहां उपस्थित पुलिस कर्मी हतप्रभ हो गए जब गुरुवार को दोपहर  बाद अचानक एनएच -74 मुआवजा घोटाले का मुख्य आरोपी पूर्व पीसीएस आफिसर डीपी सिंह अपने दो दो वकीलों के साथ अचानक वहां पहुंचा। एन एच -74 के मुख्या आरोपी  जिसे उत्तराखंड पुलिस ने कहाँ नहीं तलाशा और जब डीपी सिंह अचानक दफ्तर में पहुंचा तो उसे देख पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। जिसके बाद वह अपने दो वकीलों के साथ एसएसपी के दफ्तर में चला गया। जहां उसने एसएसपी के समक्ष सरेंडर किया। जिसके बाद एसआईटी की टीम उसे कक्ष में ले गई। समाचार लिखे जाने तक एसआईटी की टीम बंद कमरे में डीपी सिंह से पूछताछ कर रही है।

गौरतलब हो कि उत्तराखंड पुलिस और एसआईटी पिछले एक माह से डीपी सिंह की गिरफ्तारी को लेकर दर-दर की खाक छान रही थी । वहीँ पिछले कई दिनों तक वह कोर्ट परिसर में भी डीपी सिंह के सरेंडर की चर्चाओं को लेकर परेशान घूमती रही। लेकिन पुलिस उसे  तमाम जद्दोजहद और कानूनी दांव-पेंच करने के बाद भी गिरफ्तार करने में नाकाम साबित रही। लेकिन (आज) गुरुवार को उसका एसएसपी दफ्तर पहुंच जाना और आराम से आत्मसमर्पण करना उधमसिंह नगर से लेकर राजधानी देहरादून तक के लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले में डीपी सिंह मुख्य आरोपी हैं। घोटाले के खुलासे के बाद से ही उनका नाम इस मामले में सुर्खियों में रहा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने भूमि मुआवजा घोटाले के नाम पर करोड़ों रूपये की बंदरबांट ही नहीं की बल्कि करोड़ों की सरकारी रकम कमीशन के नाम पर हासिल की। एसआईटी इस मामले की अभी बारीकी से जांच कर रही है। घोटाले में अभी तक कई पूर्व अध्किरियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मुख्य आरोपी डीपी सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार जगह जगह दबिशें दे रही थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए डीपी ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी लेकिन उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली। उनके खिलापफ कुर्की की कार्रवाई के लिए देहरादून और रूद्रपुर स्थित आवास पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा किया गया था। पिछले दो तीन दिनों से डीपी सिंह को यूपी के कई शहरों में तलाश किया जा रहा था। दो दिन से डीपी सिंह के आत्म समर्पण की संभावनाओं के चलते नैनीताल और उधम सिंह नगर की पुलिस को अलर्ट किया गया था। आज भी डीपी सिंह के आत्म समर्पण की चर्चाएं सुबह से चल रही थी। उन्होंने कोर्ट में तो आत्म समर्पण नहीं किया अलबत्ता दोपहर बाद एसएसपी कार्यालय में अपने वकीलों के साथ पहुंच कर एसएसपी डा. सदानंद दाते और एसआईटी टीम के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया।