उत्तराखंड को जीएसटी से लाभ ही लाभ : पंत

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देहरादून । संसदीय एवं वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने दावा किया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से उत्तराखंड जैसे उपभोक्ता राज्य को लाभ ही लाभ है। सदन में आज उत्तराखंड वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 प्रस्तुत करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पंत ने बताया कि जीएसटी प्रणाली में राज्यों को होने वाली आशंकित राजस्व हानि की प्रतिपूर्ति को वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष निर्धारित करते हुए 14 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के आधार पर राज्यों को प्रतिपूर्ति किये जाने की व्यवस्था की गई है क्यांकि जीएसटी के अंतर्गत राज्यों को सेवा कर से भी अतिरिक्त कर की प्राप्ति होगी, इसलिये प्रस्तावित कर प्रणाली लागू होने के उपरान्त राज्य को प्रतिपूर्ति की आवश्यकता नहीं पडेगी।

उन्होंने बताया कि वैट के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में उत्तराखंड ने कुल कर 6096 करोड रूपये प्राप्त किया गया था जो वित्तीय वर्ष 2016-17 में 17.18 प्रतिशत बढ कर 7143.34 करोड रूपये हो गया था । इसलिये हमें इससे लाभ के अलावा और कुछ नहीं मिलना है। उन्हांने बताया कि नया कर ढांचा लागू होने के बाद 17 कर कानून इसमें विलीन हो जायेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के वेट पंजीकृत कुल 97,907 व्यापारियों में से 78 प्रतिशत कुल 75,478 व्यापारियों ने जीएसटी नामांकन करा लिया है। आज शाम सुभाष रोड के एक होटल में सात बजे से शुरू होने वाली कायशाला के अलावा पूरे राज्य में 100 कार्यशालायें लगाकर सबको जीएसटी की जानकारी दी जायेगी ताकि पहली जुलाई से शुरू हो रहे इस कानून से किसी को परेशानी न हो। एक सातों दिन 24 घंटे जारी रहने वाली हैल्प लाईन भी जारी की जायेगी और पूरे राज्य में नेट की समस्या का भी हल किया जायेगा।

एक सवाल के जवाब में उन्होने बताया कि अलकोहल तथा पांच पैट्रोलियम पदार्थ जीएसटी से अलग रखे गये हैं। इनके कर भी राज्य को मिलेंगे। इनके अलावा नोन टैक्सेबल रेवेन्यू जो उत्तराखंड में 1200 करोड रूपये से ज्यादा है, की आय भी राज्य की होगी ।  वार्ता में प्रमुख सचिव वित्त श्रीमती राधा रतूडी भी थी ।