तीर्थ पुरोहित व ग्रामीणों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

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आपदा के बाद प्रभावितों व क्षेत्र की अनदेखी का आरोप

केदारनाथ पुनर्निर्माण पर उठाए सवाल

रुद्रप्रयाग । केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित समाज व केदार सभा के बैनर तले केदारघाटी के ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। सीएम से लेकर डीएम के विरोध में जबर्दस्त नारेबाजी करते हुए मुख्य बाजार में कई घंटों तक धरना दिया और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें हर बार छला गया है।

आंदोलनकारियों ने कहा कि जल्द लंबित मांगों पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आंदोलन को तेज किया जायेगा। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के नेतृत्व में लोनिवि के डाक बंगला से तीर्थ पुरोहित समाज और ग्रामीणों का जुलूस प्रदर्शन नारेबाजी के साथ मुख्य बाजार में पहुंचा। जहां पर आयोजित सभा में प्रदेश सरकार पर केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों के साथ दोहरा बर्ताव अपनाने का आरोप लगाया गया। कहा कि प्रभावितों की मदद के नाम पर मुख्यमंत्री हरीश रावत निरंतर झूठे आश्वासन दे रहे हैं। जून 2013 की आपदा से प्रभावित 1954 तीर्थ पुरोहितों की सूची सरकार को भेजी गई थी, मगर शासन द्वारा सिर्फ 1254 को ही त्वरित मदद के तौर पर एक-एक लाख रुपये दिए गये। आपदा के साढ़े तीन वर्ष बाद भी केदारनाथ में मलबे की सफाई नहीं हो पाई है। पुनर्निर्माण के नाम पर टेंट लगाने से लेकर घाट बनाने का कार्य किया गया। कहा कि तीन वर्ष से शीतकाल में धाम में निर्माण कार्य बंद करने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार तीर्थ पुरोहितों की मांगों को अनसूना कर रही है।

इस दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधायक शैलारानी रावत, जिलाधिकारी र्रुीप्रयाग सहित निम को भी आड़े हाथ लिया गया। कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के नाम पर कुछ लोग सरकारी धन ठिकाने लगा रहे हैं, जबकि आज भी प्रभावित गांवों में कई परिवारों की स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। शासन-प्रशासन ने मुआवजा बांटकर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर ली है और प्रभावितों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। महिलाओं, अनाथ बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए कोई नीति नहीं बन पाई है। केदारनाथ को सड़क से जोडने की मांग के बजाय सरकार हेलीकाप्टर सेवा पर जोर दे रही है।

सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर जल्द आपदा के बाद से पैदा हुई समस्याओं का निस्तारण करने और प्रभावितों को उनका हक नहीं मिला तो आंदोलन को तेज किया जायेगा। कहा गया कि 12 दिसम्बर तक मांगों पर अमल न होने पर आमरण अनîान ड्डाुरू किया जायेगा। सभा का संचालन कुबेर नाथ पोस्ती ने किया। आंदोलन में पठाली ऊखीमठ, चुन्नी, मंगोली, डुंगर, सेमला, देवलीभणिग्राम, लमगौंडी, ल्वारा, नागजगई, फली-फसालत, खाट, खडिया आदि गांवों के ग्रामीण मौजूद थे। इस मौके पर केदार सभा के अध्यक्ष विनोद ड्डाुक्ला, विष्णु कांत ड्डाुक्ला, विपिन सेमवाल, पूर्व राज्य मंत्री दिनेश बगवाड़ी, किशन बगवाड़ी, महेश बगवाड़ी, गणेश  ड्डाुक्ला, केशव तिवाड़ी, जय प्रकाश  शुक्ला, सम्पति देवी, विजय लक्ष्मी, राजकुमार तिवारी, भगवती प्रसाद, पृथ्वीधर शुक्ला, संतोद्दा त्रिवेदी, देवी प्रसाद बगवाड़ी, रूपनारायण शुक्ला, राजेन्द्र शुक्ला सहित कईं मौजूद थे।