गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के लिए शुरू हुआ आमरण अनशन

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गैरसैंण (चमोली ) : राज्य आंदोलन में शहीद होने वाले आंदोलनकारियों की इच्छा के अनुरूप उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाने के लिए पिछले 45 दिनों से रामलीला मैदान में चल रहा क्रमिक अनशन गणतंत्र दिवस से आमरण अनशन में तब्दील हो गया। आमरण अनशन पर बैठे तीनों आंदोनकारियों का अनशन  शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। 

गणतंत्र दिवस से व्यापार संघ के सहयोग से चल रहा क्रमिक अनशन गणतंत्र दिवस से आमरण अनशन में तब्दील हो गया। पहले चरण में नारायणबगड़ ब्लॉक के ज्येष्ठ उप प्रमुख गंभीर सिंह नेगी, मूसों के प्रधान विरेन्द्र आर्य और स्यूणी मल्ली के ध्यान सिंह विगत आमरण अनशन पर बैठे हैं। ज्येष्ठ उप प्रमुख गंभीर सिंह नेगी ने कहा कि 17 सालों से राज्य की सत्ता पर काबिज सरकारें गैरसैंण राजधानी के मुद्दे को भटकाने के प्रयासों में लगी हुई है। उन्होंने कहा राजनीती से ऊपर उठकर अब जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा। प्रधान मूसों वीरेन्द्र का कहना था कि पृथक राज्य बनने के कई वर्ष बाद भी आम जनता की परेशानियां जस की तस बनी हुई हैं।

व्यापार संघ अध्यक्ष सुरेन्द्र बिष्ट के संचालन में हुई सभा में पूर्व दर्जाधारी सुरेश बिष्ट, ब्लॉक प्रमुख सुमति बिष्ट, नगर कांग्रेस अध्यक्ष पुष्कर रावत, पूरन नेगी, महावीर बिष्ट, देवेन्द्र, बृजमोहन, मोहन टम्टा, धनीराम, संजय, गौरव, रणजीत शाह,धूमा देवी, गीता, ऊखा, दीपा, पवन, हीरा, दर्शनी, कृष्णा आदि थे। इधर, शनिवार को कर्णप्रयाग के पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजेन्द्र सगोई, बागेश्वर के महेश पांडे सहित मंमद सलियाणां, स्यूणी मल्ली एवं ऐखोला से आए जनप्रतिनिधि रामलीला मैदान में अनशनकारियों के साथ धरने पर बैठे रहे।