मदरमा गांव में बादल फटने से कई मकान जमींदोज़ तीन लोगों की मौत

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तीन पैदल पुलिया बह गई और गौशाला में तीन मवेशी जिंदा दफन 

पिथौरागढ़ :  खुशहाल परिवार खुशहाल घर जनमाष्टमी त्योहार मनाने की तैयारी कर रहा था आने वाली आजादी की जश्न मनाते घी त्योहार मनाते लेकिन प्राकृतिक ने ऐसा कहर बरपाया की हँसते खिलते जिन्दगी आपदा के काल के भेंट चढ़ गये ।

पिथौरागढ़ के मुनस्यारी से 40 किलोमीटर दूर तहसील बंगापानी के मदरमा गांव में एक बार फिर बादल फटने की घटना हुई है, बादल फटने  के बाद हुए  भूस्खलन से  पांच मकानों के ध्वस्त होने की खबर है जिनमें एक ही परिवार के तीन लोगों के दबने से मौत हो जाने की जानकारी है लेकिन मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती  है क्योंकि रात के अँधेरे में साफ़ नहीं हो पा रहा है कि कितने लोग अपने घरों में थे वहीँ बादल फटने से हुए नुकसान की सूचना पर पुलिस-प्रशासन की टीम प्रभावित गांव  के लिए रवाना हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिनकी घटनास्थल पर मृत्यु हुई उनमें

1. कु0 सुनीता पुत्री भवान सिंह उम्र-16 वर्ष निवासी मदरगा, पट्टी मवानी दवानी, तहसील-बंगापानी।

लापता व्यक्तियों में …..
1. शेर सिंह पुत्र राम सिंह उम्र -40 वर्ष लगभग, निवासी मदरगा, पट्टी मवानी दवानी, तहसील-बंगापानी।
2. श्रीमती राधा देवी पत्नी शेर सिंह, उम्र-36 वर्ष लगभग, निवासी मदरगा, पट्टी मवानी दवानी, तहसील-बंगापानी।

गंभीर घायल का विवरण-
1. कु0 रेखा पुत्री भवान सिंह उम्र-20 वर्ष, निवासी मदरगा, पट्टी मवानी दवानी, तहसील बंगापानी।

सामान्य घायलों में ……

1. श्री भवान सिंह पुत्र राम सिंह, निवासी मदरगा, पट्टी मवानी दवानी, तहसील बंगापानी।
2. श्रीमती हीरा देवी पत्नी भवान सिंह, निवासी मदरगा, पट्टी मवानी दवानी, तहसील बंगापानी।
ऽ उपरोक्त 01 गंभीर घायल को उपचार हेतु हैलीकाप्टर के माध्यम से देहरादून के लिए लाया जा रहा है।

पिथौरागढ़ जिले में एक बार फिर बादल फटने की घटनाएं हुईं है। गौरतलब है कि डीडीहाट और धारचूला में बादल फटने की घटनाओं में दो दर्जन मकान ध्वस्त हो गए थे। तीन पैदल पुलिया बह गई और गोशाला में तीन मवेशी जिंदा दफन हुए। दो दर्जन परिवारों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कराया गया हैं। तीन सड़कों का वजूद समाप्त हो गया है। वहीं,  तहसील बंगापानी के मदरमा गांव में बादल फट गया। इससे हुए भूस्‍खलन से तीन घर मलबे में दब गए।

बंगापानी तहसील के अंतर्गत मदरमा गांव में शनिवार की रात करीब 9.30 बजे भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन ने दो मकानों को चपेट में ले लिया। इस घटना में तीन लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई। एक बालिका समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। तहसील प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम को घटना की जानकारी मिल गई है।

लेकिन ये गांव सड़क मार्ग से पांच किलोमीटर दूर होने के कारण खबर लिखे जाने तक टीम मौके पर नहीं पहुंच पाई है। धारचूला के विधायक हरीश धामी ने घटना की जानकारी जिलाधिकारी और तहसील प्रशासन को दी। इस बीच बारिश का क्रम जारी रहने से कुमाऊं में कई सड़कों पर यातायात बाधित हुआ। थल-डीडीहाट मार्ग बंद होने से कैलाश यात्रियों के 16वें दल को अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ के रास्ते धारचूला ले जाया गया। धारचूला के खोतिला कस्बे में भूस्खलन से 300 परिवार खतरे की जद में हैं।

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई है जबकि राज्य के अन्य अधिकांश स्थानों पर बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

यहां मिली सूचना में कहा गया है कि मदरमा गांव में शेर सिंह और भवान सिंह के मकान के ठीक पीछे की पहाड़ी बारिश के दौरान दरक गई। पहाड़ी के मलबे ने दोनों मकानों को चपेट में ले लिया। इस घटना में शेर सिंह (40) पुत्र राम सिंह और उनकी पत्नी राधा देवी (35) और शेर सिंह की भतीजी सोनू (15) पुत्री भवान सिंह की मौत हो गई। भवान की ही बेटी रेखा (8) और एक अन्य परिजन गंभीर रूप से घायल हो गए।

लोगों ने आशंका जताई है कि कुछ और लोगों के साथ ही जानवर भी मलबे में दबे हो सकते हैं। प्रभारी जिलाधिकारी आशीष चौहान के आदेश पर एसडीआरएफ की टीम मौके को रवाना हो गई है। बंगापानी तहसील से भी राजस्व कर्मियों की टीम मदरमा गांव के लिए निकल गई है।

फिलहाल गांव के लोग खुद ही राहत व बचाव कार्य में लगे हैं। उधर, धारचूला नगर से सटे खोतिला कस्बे के पास पहाड़ी पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। ताजा भूस्खलन से खोतिला की पेयजल लाइन ध्वस्त हो गई है और रास्ते दब गए हैं। भूस्खलन को देखते हुए कई परिवार धारचूला बाजार में किराए के कमरों में रहने लगे हैं।

नैनीताल में शुक्रवार की रात हुई बारिश और तेज हवाओं के कारण मल्लीताल में फेयर हैवंस होटल परिसर में 60 से 70 वर्ष पुराना बांज का पेड़ मुख्य डाकघर की छत पर जा गिरा। इससे छत क्षतिग्रस्त हो गई। उधर बागेश्वर जिले में अभी भी आधा दर्जन सड़कें बंद पड़ी हैं। इनमें बागेश्वर-गिरेछीना, कपकोट-कर्मी, कपकोट-पिंडारी, कौसानी-भतेड़िया और कपकोट-पोथिंग सड़कें शामिल हैं। शनिवार की शाम को बागेश्वर-आरे द्यांगण बाइपास सड़क को खोल दिया गया था।

Photo courtesy :- Heera Chiral