रानीबाग घाट में हज़ारों नाम आँखों ने किया शहीद मेजर कमलेश का अंतिम संस्कार

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पूरे सैन्य सम्मान के साथ दी गयी शहीद को उसकी शहादत के लिए सलामी 

हल्द्वानी : जम्मू-कश्मीर के सोपियां में आतंकियों से बृहस्पतिवार सुबह हुई मुठभेड़ में कुमाऊं के वीर सपूत मेजर कमलेश पांडे शहीद हो गए। शोपियां में शहीद हुए हल्द्वानी के ऊंचापुल निवासी मेजर कमलेश पांडे का पार्थिव सुबह 8.30 बजे सेना के चापर से बरेली से हल्द्वानी पहुंचा। शुक्रवार की सुबह शहीद का पर्थिव शव उनके घर हल्‍द्वानी पहुंचा। जहां से शहीद का शव सुबह 11 बजे रानीबाग घाट पहुंचा। जिसके बाद शहीद मेजर कमलेश का अंतिम संस्कार किया गया।

इस दौरान पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को उसकी शहादत के लिए सलामी दी गई। मौके पर सैन्य अधिकारियों के साथ मंत्री यशपाल आर्य, डीएम, एसएसपी और पूर्व सैन्य कर्मी सहित जनता की भीड़ जमा हुई। घाट भारत माता की जय के नारों के गूंज उठा।

शव पहुंचने की खबर के बाद शुक्रवार सुबह से ही घर पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। शव को देखते ही शहीद कमलेश के परिवार में कोहराम मच गया। शहीद का पार्थिव शरीर दिल्ली से विशेष विमान के जरिये बरेली लाया गया। जहां से शुक्रवार सुबह पार्थिव शरीर को हल्द्वानी लाया जाएगा और रानीबाग में चित्रशिला घाट पर अंतिम संस्कार के ‌लिए ले जाया गया।

शहीद के हल्द्वानी स्थित घर में सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना स्थित दिगौली गांव के रहने वाले मेजर कमलेश पांडे ने तीन साल पहले हल्द्वानी के कांतिपुरम हिम्मतपुर तल्ला में मकान बनवाया था। शोपियां घाटी में तैनात मेजर कमलेश ने बुधवार की रात अपने पिता से बातचीत की थी।
कमलेश ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है। वह ऑपरेशन के लिए जा रहे हैं और बाद में बात करेंगे।

कमलेश का तो दुबारा फोन नहीं आया लेकिन बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे सेना के एक अधिकारी की कॉल ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया। सैन्य अधिकारी ने बताया कि उनका बेटा शोपियां घाटी में आतंकियों से लड़ते हुए देश के लिए शहीद हो गया है। इस मनहूस खबर से सदमे में आए पिता के हाथ से मोबाइल गिर पड़ा।

उनके छोटे बेटे धीरेज पांडे ने सैन्य अधिकारी से बातचीत कर घटना की जानकारी ली। दोपहर में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर (सेवानिवृत्त) बीएस रौतेला सहित कई लोग पिता को ढाढ़स बंधाने पहुंचे। मेजर के छोटे भाई धीरेज पांडे मेरठ (उत्तर प्रदेश) में 9 इंफ्रेंटी बटालियन में वारंट ऑफिसर के पद पर तैनात हैं।

मेजर कमलेश पांडे की तीन महीने पहले ही मेजर पद पर प्रोन्नति हुई थी। वह पहले 21 डोगरा रेजीमेंट में तैनात थे। इस समय उनकी तैनाती 62 राष्ट्रीय राइफल्स (62आरआर) में थी। मेजर की शादी तीन साल पहले बागेश्वर जिले की रहने वाली रचना पांडे से हुई थी।

उनकी दो साल की बेटी भूमिका है। फौज में नौकरी होने के कारण उन्होंने अपनी पत्नी और बेटी को दिल्ली में रखा था। रचना के मायके के लोग भी गाजियाबाद में रहते हैं। पति के शहीद होने की जानकारी मिलते ही रचना की हालत खराब हो गई। सेना के अधिकारी उनको लेकर हल्द्वानी लेकर आये ।

मेजर के शहीद होने की जानकारी मिलने पर स्थानीय कैंटोन्मेंट के मेजर प्रीतम सिंह और विजय आनंद अधीनस्थ अधिकारियों के साथ कमलेश पांडे के घर गए। सैन्य अधिकारियों ने पिता और भाई को ढाढ़स बंधाया।