पशुबलि करने पर आमादा ग्रामीणों को तहसील प्रशासन ने रोका !

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पशु बलि रोकने गई पुलिस टीम पर हुई पत्थरबाजी,एक जवान घायल
प्रशासन ने महिलाओं की मदद से रुकवाई पत्थरबाजी

आदिबदरी (चमोली) : चमोली जिले की आदिबदरी तहसील के सीमांत गांव सिलपाटा में शनिवार देर शाम देवपूजन के दौरान उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब मनौती पूर्ण होने की बात कहते हुए कुछ ग्रामीण मंदिर परिसर में भैंसे की बलि देने पर आमादा हो गए। पशुबलि रोकने के लिए सिलपाटा गांव गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर पत्थरबाजी हुई, जिसमें होमगार्ड, पीआरडी सहित पुलिस के जवान चोटिल हो गए। कुछ महिलाएं प्रशासन की मदद के लिए आगे आईं और पत्थरबाजी रुकवाई। इसमें महिलाएं भी चोटिल हो गईं।

हालांकि मामले में प्रशासन की ओर से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। जबकि बुजुर्गो के यह समझाने पर भी कि दो दशक पूर्व बलि प्रथा का अंत हो चुका है, वह अपनी बात पर अड़े रहे। इस बीच ग्रामीणों से मिली सूचना पर तहसीलदार सुशीला कोठियाल के नेतृत्व में प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम के काफी प्रयासों के बाद ग्रामीणों की समझ में बात आई और भैसे समेत आठ पशुओं की बलि टाल दी गई। इसके बाद श्रीफल तोड़कर पूजा की गई और सप्ताहभर से चल रहे देव पूजन का सुखद समापन हुआ।

गौरतलब हो कि देव पूजन मे सदियो से चली आ रही पशु बलि प्रथा उत्तराखंड में समाप्त हो चुकी है। मुंडनेश्वर, बूखांल, कांडा, चंद्रबदनी जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में पहले पशु बलि हुआ करती थी, लेकिन समाज में आई जागरूकता के बाद इन स्थानों पर अब श्रीफल तोड़कर पूजा संपन्न होती है।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के चमोली जनपद की आदिबदरी तहसील के सिलपाटा गांव में बीस साल बाद (30 दिसंबर से) सात दिनों से देवी की पूजा कार्यक्रम चल रहा था। शुक्रवार को अष्टमी पर पशु बलि के लिए ग्रामीण भैंसा ले आए।

सूचना पर पुलिस और प्रशासन की टीम तहसीलदार सुशीला कोठियाल के नेतृत्व में गांव पहुंची। ग्रामीणों से वार्ता के बाद भैंसा प्रशासन की टीम को सौंप दिया गया। शुक्रवार देर शाम जब प्रशासन की टीम भैंसे को ले जाने लगी तो इसी दौरान कुछ अराजक तत्वों ने टीम पर पत्थर बरसा दिए। इससे भैंसा बिदक गया और अफरा-तफरी मच गई। लोग बचने के लिए भागने लगे।

पत्थरबाजी में होमगार्ड जवान सुनील और पीआरडी का जवान कलम सिंह सहित खुद चौकी प्रभारी प्रेम सिंह भंडारी घायल हो गए। करीब एक घंटे तक खेतों में चली इस भगदड़ में कुछ ग्रामीण महिलाओं ने प्रशासन की मदद की और पत्थरबाजी रुकवाई। इसमें महिलाओं को भी हल्की चोटें आई हैं।

पुलिस चौकी प्रभारी प्रेम सिंह भंडारी ने बताया कि बाद में किसी तरह पशुपालन, प्रशासन और पुलिस ने भीड़ सहित भैंसे को कब्जे में लेकर ट्रक में डाला और करीब साढ़े नौ बजे आदिबदरी पहुंचे। तहसीलदार सुशीला कोठियाल ने बताया कि ग्रामीणों को समझा दिया गया है। फिलहाल किसी पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।