जनता दरबार में देरी से पहुंचने वाले अफसरों को टिहरी डीएम ने बैठाया बाहर

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नयी टिहरी : टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका ने जनता दरबार में देरी से पहुंचने वाले अफसरों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए बैठक कक्ष से बाहर कर दिया और बाहर ही कुर्सी लगाकर उन्हें वहीँ बैठने के निर्देश दिए ताकि वे इधर-उधर न घूमें। जिलाधिकारी की लेटलफीफ हो चुके अफसरों पर इस तरह की कार्रवाही का जिले की जनता ने स्वागत किया है। इस दौरान लेता-लतीफ़ अफसर जनता दरबार समाप्त होने तक डीएम कार्यालय के बाहर घंटों बैठे रहे। इतना ही नहीं डीएम ने उन्हें जनता दरबार में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। साथ ही देरी से पहुंचने वाले अफसरों का स्पष्टीकरण तलब करते हुए एक दिन का वेतन रोकने के आदेश भी दिए।जिलाधिकारी की इस कार्रवाही की चर्चा नयी टिहरी से देहरादून तक रही।

टिहरी से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को जिला कार्यालय में हमेशा की तरह सुबह 11 बजे से जनता दरबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लेकिन जनता दरबार में कई फरयादियों के पहुंचने के बाद भी कई अफसर समय से नहीं पहुंचे। जिलाधिकारी सोनिका ने उपस्थित अधिकारियों के साथ ही जनता दरबार कार्यक्रम शुरू कर जन शिकायतें सुनना शुरू कर दिया। लेकिन जब कुछ अफसर निर्धारित समय के बाद जनता दरबार में पहुंचे तो डीएम भड़क गयी। डीएम ने अफसरों को अपने कार्यालय से बाहर कर दिया। अफसर कार्यालय से बाहर निकलकर यहां-वहां न घूमें। इसके लिए कुर्सी लगाकर अफसरों को डीएम कार्यालय के बाहर बैठा दिया गया। इतना ही नहीं  डीएम सीसीटीवी कैमरे से बाहर बैठे अफसरों भी नजर रखे रही।

जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि देरी से पहुंचने वाले डीपीआरओ आरएस असवाल, ईई राकेश कुमार, अभिषेक वर्मा समेत अन्य के देरी से पहुंचने पर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। साथ ही एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस मौके पर एडीएम शिवचरण द्विवेदी, सीएमओ डॉ.भागीरथी जंगपांगी, सीईओ दिनेशचंद्र गौड़ डीडीओ आनंद भाकुनी, ईई केएस नेगी, ईई सतीश नौटियाल, आलोक कुमार, शरद श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।