बिल्डर यूनिटेक पर प्रॉजेक्ट में देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने लगाया भारी जुर्माना

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक से कहा कि वह उन 39 फ्लैट खरीदारों के ब्याज का भुगतान करे, जिन्होंने वादे के अनुसार फ्लैट न मिलने पर कंपनी से अपने पैसे वापस मांगे हैं। खरीदारों ने हरियाणा के गुरुग्राम में यूनिटेक के विस्टा प्रॉजेक्ट में फ्लैटों की बुकिंग कराई थी।

जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस मोहन एम. शांतानागौदार की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बिल्डर को कोर्ट की रजिस्ट्री में 14 फीसदी की दर से ब्याज जमा कराने के लिए 8 हफ्ते का वक्त दिया है। ब्याज की गणना एक जनवरी 2010 से लेकर यूनिटेक द्वारा मूलधन जमा कराने की अवधि तक के लिए की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्री में जमा की गई ब्याज की 90 फीसदी रकम 39 खरीदारों में बांटी जाएगी, जिन्होंने फ्लैट न लेने का विकल्प चुना है।

अब यूनिटेक को 39 फ्लैट खरीदारों के द्वारा जमा किए गए 16.55 करोड़ रुपये के मूल धन पर 14 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक को विस्टा प्रॉजेक्ट में फ्लैट खरीदने वाले 39 खरीदारों को पैसे लौटाने का आदेश दिया था। उस समय यूनिटेक की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील ए. एम. सिंघवी ने कोर्ट को बताया था कि 39 खरीदारों के फ्लैट का निर्माण अभी चल रहा है और अप्रैल 2017 में फ्लैट खरीदारों को दे दिए जाएंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से प्रॉजेक्ट पूरा करने के लिए 6 महीने और दिए जाने की गुजारिश की थी। हालांकि बेंच ने और समय देने से इनकार कर दिया।

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