स्टिंग मामला : सामने आया सनसनीखेज ऑडियो,यहां सुनिए……

0
814

सीएम को कैसे फंसाना है इसका तरीका बता रहा है उमेश कुमार

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : आईएएस स्टिंग मामले में अब एक सनसनीखेज ऑडियो क्लिप सामने आया है। इस ऑडियो में चैनल के सीईओ उमेश कुमार एडिटर इन्वेस्टिगेशन पंडित आयुष उर्फ आयुष गौड को बता रहा है कि मुख्यमंत्री  को किस तरह से स्टिंग में फंसाना है। यह ऑडियो सामने आने के बाद से ही राजधानी देहरादून सहित दिल्ली तक खूब वायरल हो रहा है। 

वायरल हुए ऑडियो में निजी चैनल के सीईओ उमेश जे कुमार और उस पर ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कराने वाले आयुष गौड़ के बीच हुई बातचीत का कथित आडियो टेप सोशल मीडिया में चर्चा में रहा। इस टेप में दोनों ने एक-दूसरे का नाम नहीं लिया है, लेकिन दोनों में जो बातें हो रही हैं, उससे इसके उमेश और आयुष के बीच बातचीत होने की ओर पुख्ता संकेत मिलते हैं। करीब तीन मिनट नौ सेकेंड के इस टेप से जाहिर हो जाता है कि किस तरह ओपी का स्टिंग करने के लिए मृत्युंजय मिश्र को मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया।

हालांकि उमेश के द्वारा फोन पर आयुष को जो प्लानिंग बताई गई थी, अगर वह पूरी हो जाती तो सरकार के लिए असहज होने वाली स्थिति पैदा हो सकती थी। आडियो टेप में एक शख्स दूसरे को समझा रहा है कि कैसे स्टिंग करना है। अफसर से किसी भी हाल में यह कहलवाना है कि सीएम से वह खुद बात कर लेंगे। यह हो जाने के बाद अफसर को प्रसाद (कैश) देना था। वहीं मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाला शख्स यह कहता कि वह खुद प्रसाद आगे बढ़ाएगा तो उसे आश्वस्त करना था कि काम हो गया तो पैसे की लाइन लगा देंगे। टेप में एक शख्स इस बात पर कई बार जोर देता है कि अफसर से यह जरूर कहलवाना है कि सीएम उनके साथ हैं।

गौरतलब हो कि स्टिंग के मास्टर माने जाने वाले निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार शर्मा आखिरकार स्टिंग के अपने मोहरे से ही मात खा गए। रविवार को हुई उमेश कुमार की गिरफ्तारी की कार्रवाई की नींव दस अगस्त को मुकदमे के साथ रख दी गई थी।

आगे सुनिए किसने क्या कहा…..

 इधर, एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि जब तक एफएसएल की रिपोर्ट नहीं आ जाती और आडियो टेप में जिन लोगों की आवाज है, उनके वायस सैंपल का मिलान नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

गौरतलब हो कि  79 दिन तक मुकदमे को छिपाने में कामयाब रही पुलिस ने कानूनी शिकंजा कसने से पहले पूरा होमवर्क किया। अदालत से पहले ही वारंट और सर्च वारंट लेकर उमेश कुमार को बचाव का एक मौका भी नहीं दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत कई अन्य के स्टिंग ऑपरेशन के प्रयास का सनसनीखेज खुलासा रविवार को निजी चैनल उमेश कुमार शर्मा की गिरफ्तारी के साथ हुआ। इससे पहले पुलिस ने स्टिंग के पूरे खेल और कार्रवाई की भनक किसी को नहीं लगने दी।