पुरातन समय से ही भारत में है वसुदेव कुटम्बकम की भावनाः मुख्यमंत्री

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  • संविधान में अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अलग से अधिकारः मुख्यमंत्री

देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को राजपुर रोड स्थित पीटी सैमिनरी ऑडिटोरियम विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान में अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अलग से अधिकार प्रदत्त किये गये हैं। दुनियां के बहुत कम देश ऐसे है जिनके संविधान में अल्पसंख्यकों को अलग से अधिकार दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति की विशिष्ट पहचान है कि यहाँ सभी समुदायों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। देश के विकास में सब आपसी सहयोग की भावना से योगदान देते हैं। पुरातन समय से ही भारत में वसुदेव कुटम्बकम की परम्परा रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का बड़ा सौभाग्य है कि जो यहाँ आता है, वह यहीं रहना चाहता है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों का ध्यान रखना भी जरूरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सामाजिक, एवं सरकारी क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष एन.एस.बिन्द्रा, उपाध्यक्ष डॉ. पी.सतीश जॉन, महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी केंतुरा, सुनील उनियाल गामा, एडीजी आर.एस.मीणा, माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, जसकिरन चौपडा एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उपस्थित थे।