सरोजनी देवी की हत्या में शामिल हो सकता है कोई अपना

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हत्या के बाद लाखों के गहने और नगदी गायब

घर के कई कमरों और बक्सों के ताले टूटे

अकेली जगह पर अकेले घर में अकेली थी महिला

सोची-समझी साजिश के तहत हुई सरोजनी की हत्या

किचन में घटना को अंजाम देकर घर के पीछे खेत में दफनाया

तीन माह से घर में कार्य कर रहे नेपाली भी आ रहे शक के दायरे में

रुद्रप्रयाग । विकासखण्ड जखोली के अंतर्गत लिस्वाल्टा गांव निवासी सरोजनी देवी पत्नी त्रिलोक सिंह का शव घर के पीछे एक छोटे से खेत में दफनाया हुआ मिला। अभी तक सरोजनी देवी की हत्या के पीछे चोरी का अंदेशा जताया जा रहा है। जो स्थिति में देखने को मिली है, उससे यही लग रहा है कि चोर काफी शातिर थे। इस पूरे घटनाक्रम को अकेले व्यक्ति ने अंजाम नहीं दिया है। हत्या और चोरी में दो से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं। बेहद सूझ-बूझ से सरोजनी देवी की हत्या की गई है। सरोजनी देवी के घर में कार्य करने वाले तीन नेपाली भी शक के दायरे में आ रहे हैं।

घटनाक्रम के अनुसार सरोजनी देवी की सास 4 अप्रैल को अपनी रिश्तेदारी में टिहरी गढ़वाल के नैलचाली पटटी चली गई थी। जिसके बाद सरोजनी देवी घर में अकेले थी। सरोजनी देवी घर का निर्माण कार्य करवा रही थी कुछ दिन पहले ही कमरे की छत पड़ी थी। घर में निकटवर्ती खल्याण गांव का मिस्त्री कार्य कर रहा था। जबकि मिस्त्री के साथ गांव का ही एक व्यक्ति हेल्पर था। इसके साथ तीन नेपाली थे, जो पिछले तीन माह से वहीं रहे थे। नेपाली सरोजनी देवी के घर से लगभग आधा किमी दूर गौशाला में रहते थे। नेपालियों के अनुसार चार अप्रैल सांय के समय उन्होंने सरोज को मछलियां दी थी और उसके बाद अपने कमरे पर चले गये। सुबह जब नेपाली वहां आया तो सरोजनी देवी नहीं दिखी। फिर नेपाली गांव चला गया। बाद में जब नेपाली फिर आया तो सरोजनी देवी नहीं दिखी। आस-पास खोजबीन की आवाजे लगाई, लेकिन सरोजनी का कही कुछ पता नहीं चला। इतने में अन्य गांव वाले भी एकत्रित हो गये। गांव-वालों ने भी खोजबीन की, मगर कुछ सुराग नहीं लगा।

सुबह के समय जब एक ग्रामीण घर के पीछे खेत में गया था, वहां एक गढड़ा खोदा दिखा। गढडे से बाहर दरी आ रखी थी और महिला का हाथ दिखाई दे रहा था। फिर गांव वालों ने प्रशासन को सूचना दी। प्रशासन की टीम ने शव को गढडे से बाहर निकाला।  जिस गढड़े में सरोजनी देवी को दफनाया गया, वह घर के पीछे है। कीचन में सब्जी काटकर रखी हुई है। चार अप्रैल सांय को मौसम खराब था और सरोजनी देवी घर पर अकेली थी और सब्जी बनाने की तैयारी कर रही थी। पूरे घटनाक्रम के अनुसार यह सोची-समझी साजिश थी। इस साजिश में वहीं लोग शामिल हो सकते हैं, जो महिला के बारे में पूरी तरह से जानकरी रखते थे। मृतक महिला सरोजनी देवी का घर अकेली जगह पर है। आस-पास किसी के घर नहीं हैं। सरोजनी देवी का घर लिस्वाल्टा गांव से लगभग आधा किमी दूर जंगल में है।

अज्ञात हत्यारों ने अकेली महिला को अकेले घर में पाकर इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया। यदि ऐसा न हुआ तो उन्हीं कमरों और बक्सों के ताले क्यों टूटे, जिनमें महिला ने जेवरात और नगदी रखी थी। महिला का भरा पूरा परिवार है। महिला का बड़ा बेटा अपने पिता के साथ अफ्रीका में रहता है। जबकि दूसरा बेटा मुंबई में है और दो बेटियों का विवाह पूर्व में हो चुका है। वहीं, नायब तहसीलदार सयन सिंह नेगी का कहना है कि अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। ग्रामीणों और नेपालियों से पूछताछ जारी है। मामला रेगुलर पुलिस को सौंपने के लिये जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दे दिया है।