- कई पूर्व विधायकों की आर्थिक स्थिति इतनी ख़राब कि उनके पास दवा तक खरीदने के लिए रुपये नहीं
पिथौरागढ़ : उत्तराखंड में विधायकों के बढ़ाये गए वेतन को लेकर गैरसैंण में हुए बजट सत्र के बाद से ही बहस छिड़ गयी है। विधायकों के वेतन में बढ़ोत्तरी को लेकर पिथौड़ागढ़ में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने जहाँ सफाई दी वहीँ उन्होंने उत्तराखंड के विधायकों के वेतन का दिल्ली और हिमाचल के विधायकों से तुलना करते हुए बताया कि यहाँ के विधायकों का वेतन अभी भी दिल्ली और हिमाचल के विधायकों से चार गुना कम है। उन्होंने कहा कई पूर्व विधायकों की आर्थिक स्थिति यहाँ तक ख़राब है कि उनके पास दवा तक खरीदने के लिए रुपये नहीं हैं। ऐसी स्थिति में विधायकों का वेतन बढ़ाना पड़ा है।
पिथौड़ागढ़ में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि विधायकों के पास लोग आते हैं। उस लिहाज से वेतन बहुत कम होने से बढ़ोतरी की जरूरत महसूस की जा रही थी। सीएम ने पहाड़ के युवाओं को रोजगार से जोडऩे के सवाल पर कहा कि रेडीमेड गारमेंट की छोटी-छोटी इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। जिसके लिए टेली रेडियोलॉजी और टेली मेडिसन की व्यवस्था की गई है। चारधाम यात्रा मार्ग के लगभग सभी अस्पतालों को डेढ़ माह में टेली मेडिसन से जुड़ दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग में 200 करोड़, परिवहन में 150 करोड़ और खनन में 27 फीसद राजस्व वसूली में वृद्धि हुई है। हरिद्वार में खनन पर रोक के बाद भी यह बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सरकार काफी हद तक सफल रही है। जबकि पत्रकारों द्वारा डीडीहाट जिला की मांग के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं कहा ।