रुद्रप्रयाग। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को आपदा राहत कोष से 48 लाख की धनराशि दिये जाने से आपदा पीडि़तों में रोष व्याप्त है। आपदा पीडि़तों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने अभी तक आपदा पीडितों का विस्थापन नहीं किया है, जिससे आपदा प्रभावित टिन शैडों में रात काट रहे हैं। रोजगार के लिये प्रभावित दर-दर भटक रहे हैं और सरकार आपदा के पैंसों को खिलाडि़यों और गायकों में बांटकर आपदा पीडि़तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। दरअसल, सूचना के अधिकार से पता चला है कि रुद्रप्रयाग आपदा फंड से क्रिकेटर विराट कोहली को 48 लाख की धनराशि दी गई है। इस धनराशि के बदले विराट कोहली ने उत्तराखण्ड पर्यटन से संबंधित एक विज्ञापन किया है।
इससे पूर्व सूफी गायक कैलाश खेर को भी सरकार ने आपदा फंड से 12 करोड़ की धनराशि का भुगतान किया। अब क्रिकेटर विराट कोहली को इतनी बड़ी धनराशि दिये जाने से आपदा पीडि़तों में आक्रोश व्याप्त है। आपदा पीडि़त मायाराम गोस्वामी, विपिन गोस्वामी, अरविंद गोस्वामी, सुरेन्द्र सिंह, मदन सिंह, नारायण प्रसाद, श्रीनंद सेमवाल ने कहा कि आपदा को चार साल का समय होने को है और अभी तक केदारघाटी की स्थिति जस की तस है। आपदा पीडि़त टिन शैडों में रहने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा आज भी केदारघाटी में झूलापुलों का निर्माण नहीं हो पाया है। आपदा पीडि़तों का विस्थापन होना बाकी है। क्षेत्र में मोटरमार्ग नहीं बन पाये हैं। जिस धनराशि को पुनर्निर्माण कार्यों पर खर्च किया जाना था, वह स्टार क्रिकेटरों में बांटा जा रहा है। जो आपदा पीडि़तों की भावनाओं के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि केदारघाटी की जनता इस कृत्य के लिए प्रदेश सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। वहीं जिलाधिकारी रंजना वर्मा का कहना है कि विराट कोहली को वर्ष 2015 में धनराशि दी गई। यह धनराशि डीडीएम से दी गई है, जो नियमों के मुताबिक दी गई है।
आपदा प्रभावितों का एक करोड़ 22 लाख के बिल माफ
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी के आपदा प्रभावित होटल, लॉज व्यवसायियों के चेहरों पर खुशी की लहर है। सरकार की ओर से उनके तीन साल के विद्युत बिलों को माफ जो किया गया है। ऐसे में आपदा प्रभावितों ने सरकार का आभार जताया है।
दरअसल, जून 2013 में केदारनाथ से आई आपदा में सबकुछ तबाह हो गया था। आपदा में सबसे अधिक नुकसान व्यापारियों का हुआ। सैकड़ों की संख्या में होटल, लॉज बह गये और जो बचे थे वे चलाने योग्य नहीं रहे। इसके बाद किसी तरह आपदा प्रभावितों ने अपने व्यवसाय को शुरू किया। व्यवसाय तो शुरू किया गया, मगर प्रभावितों के सामने बिजली और पानी भुगतान की समस्या खड़ी हो गई। परिवार के गुजर-बसर के लिए व्यवसायियों में व्यापार को फिर से चलाने की हिम्मत तो आ गई, लेकिन बिजली और पानी के भुगतान के लिए पैंसों की समस्या ने उन्हें फिर चिंता में डाल दिया। ऐसे में सरकार की ओर से बिजली बिल माफ किये जाने की घोषणा की गई।
सरकार द्वारा तिलवाड़ा से केदारनाथ तक के होटल, लॉज संचालकों के बिल माफ करने की घोषणा के बाद आपदा प्रभावितों में खुशी की लहर छा गई, मगर घोषणा को तीन साल का समय गुजर गया। जिससे आपदा प्रभावित सरकार की घोषणा के साकार होने की उम्मीद कर रहे थे। अब लम्बे समय के बाद सरकार की घोषणा साकार होने से आपदा प्रभावितों में खुशी की लहर है। आपदा प्रभावितों ने प्रदेश सरकार का आभार जताया है। जिलाधिकारी रंजना वर्मा ने बताया कि केदारघाटी के बारह सौ आपदा प्रभावित व्यापारियों के बिजली के बिल माफ किये गये हैं। इनमें तिलवाड़ा से केदारनाथ तक होटल एवं लॉज संचालक शामिल हैं। कहा कि इन व्यापारियों का एक करोड़ 22 लाख अस्सी हजार का बिजली का बिल माफ किया गया है।