कोर्ट में पेश किया पुलिस ने ब्लैकमेलिंग के आरोपी उमेश कुमार

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  • आठ नवंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखंड की सत्ता में स्टिंग से पहुँच बनाने और  अपर मुख्य सचिव सहित  कुछ नेताओं का स्टिंग न कर पाने पर पत्रकार को धमकी देने के मामले में आरोपी चैनल के सीईओ उमेश कुमार शर्मा को पुलिस ने सोमवार को एसीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। एसीजेएम थर्ड रिंकी साहनी की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को आठ नंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने कोर्ट में पांच दिन की कस्टडी रिमांड मांगी है, जिस पर कल (मंगलवार) को सुनवाई होगी। इसके अलावा बचाव पक्ष ने जमानत की अर्जी भी दी है। जिसकी सुनवाई भी कल ही होगी।

वहीं कोर्ट में पेश होने के दौरान पुलिस अभिरक्षा में उमेश ने सरकार से खुद को जान का खतरा बताया है। वहीं स्थानीय वकीलों की हड़ताल के कारण किसी स्थानीय वकील ने उसकी पैरवी नहीं की। पैरवी के लिए अधिवक्ता दिल्ली से आये हैं। उमेश को कड़ी सुरक्षा के बीच एसीजेएम थर्ड रिंकी साहनी कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी को गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित उसके घर से उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने आरोपी के घर से लगभग 40 लाख रुपये नकद, 16 हजार अमेरिकी डॉलर, 11 हजार थाई मुद्रा भात और दर्जनों स्टिंग की रिकॉर्डिंग बरामद की गई है। बताया जा रहा है कि उसने मुख्यमंत्री के एक करीबी का स्टिंग किया था, जिसके बाद वसूली में यह रकम प्राप्त की थी। रंगदारी के इस मामले में आयुर्वेद विवि के कुलसचिव (निलंबित) मृत्युंजय मिश्रा समेत चार अन्य भी मुल्जिम हैं।

गौरतलब हो कि मुकदमा राजपुर थाने में बीती 10 अगस्त को चैनल के ही पत्रकार आयुष गौड़ की तहरीर पर दर्ज किया गया था। गौड़ का आरोप है कि उमेश शर्मा राजनेताओं और अधिकारियों का स्टिंग करता है, लेकिन ये स्टिंग चैनल पर प्रसारित नहीं होते। बल्कि, संबंधित लोगों पर दबाव डालकर स्टिंग के एवज में मोटी रकम वसूली जाती है।

आरोप है कि उमेश लगातार गौड़ पर भी कुछ अधिकारियों व मुख्यमंत्री का स्टिंग करने का दबाव बना रहा था। इसी क्रम में उमेश ने इसी साल 12 जनवरी को गौड़ को विश्वास दिलाया कि उत्तराखंड के अधिकारी व राजनेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उमेश ने गौड़ से कुछ टेंडर हासिल करने की बात कहते हुए अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश का स्टिंग करने को कहा। कहा कि आठ फरवरी को मृत्युंजय मिश्रा उसे अपर सचिव ओमप्रकाश से मिलवाएगा

उसने गौड़ को वहां कुछ पैसे लेकर जाने और बातचीत में ही अपर मुख्य सचिव को पैसे देने को कहा। इसके लिए गौड़ को कुछ खुफिया कैमरे भी दिए गए। तय तिथि पर गौड़ की मिश्रा से मुलाकात हुई और मुख्यमंत्री से मुलाकात का वक्त भी तय हो गया।

गौड़ ने पुलिस को बताया कि लगभग एक माह तक बातचीत और मुलाकात होती रहीं, लेकिन यह तय नहीं हुआ कि कोई अधिकारी या राजनेता पैसे की मांग कर रहा है। तय वक्त पर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात नहीं हो पाई। लिहाजा उसने स्टिंग नहीं किया। इसके बाद उमेश कुमार शर्मा ने स्टिंग की जिम्मेदारी राहुल भाटिया को सौंप दी। इसके बाद गौड़ और राहुल भाटिया को पांच मई को सीएम आवास पर स्टिंग के लिए भेजा गया।

बावजूद इसके वह कोई स्टिंग नहीं कर पाए। आरोप है कि इस बात का जब उमेश को पता चला तो उसने गौड़ को धमकाया और जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं उसने अपने रुतबे और पैसे की हनक दिखाते हुए उसे गायब कराने की बात भी कही। इस शिकायत के आधार पर उमेश कुमार शर्मा, मृत्युंजय मिश्रा, राहुल भाटिया निवासी पनाष वैली सहस्रसधारा रोड, चैनल के ही पत्रकार व उमेश के भांजे प्रवीण और सौरभ दोनों निवासी गाजियाबाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 386 (जान का भय दिखाकर वसूली करना), 388 (जेल भेजने का डर दिखाकर वसूली करना) और 120बी (आपराधिक षडयंत्र) के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

शनिवार को पुलिस न्यायालय से उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ गैर जमानती और घर का सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद कर उसे गाजियाबाद स्थित उसके घर (टावर नंबर 19, फ्लैट नंबर 19241, इंदिरापुरम) से गिरफ्तार कर लिया था। तलाशी में उसके घर से कई फोन, हार्ड डिस्क, पैन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, आईपैड, लैपटॉप, 39.73 लाख रुपये, 16279 अमेरिकी डॉलर, 11030 थाई भात बरामद हुए थे। मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास भी किए जा रहे हैं। 

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