चारों धामों में बर्फबारी के बाद रोके गए बदरीनाथ व केदारनाथ यात्री

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  • केदारनाथ में कल से आज तक दो तीर्थयात्रियों की मौत
  •  गंगा में रोकी गयी मौसम की चेतावनी के चलते राफ्टिंग
  • बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ के पास भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध
  • यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन से डाबरकोट के पास मार्ग अवरुद्ध
  • लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते उड़ान नहीं भर पा रहे हेलीकॉप्टर

देहरादून : मौसम विभाग के अलर्ट के अनुरूप देहरादून सहित समूचे पर्वतीय इलाकों में देर रात मौसम का मिजाज बिगड़ा और तेज हवाएं चली। तेज हवाओँ के बाद उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में बारिश शुरू हो गई। वहीँ केदारनाथ में भारी सर्दी व आक्सीजन की कमी के चलते बीते  दिन से आज तक दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है । वहीँ बीते दिन केदारनाथ पहुंचे हरीश रावत, सांसद प्रदीप टम्टा और केदारनाथ विधायक मनोज रावत बर्फवारी के कारण केदारनाथ ही फंस गए हैं।

वहीँ दूसरी तरफ मंगलवार को आपदा प्रबंधन विभाग ने आधी अधूरी जानकारी के साथ पत्रकार वार्ता बुलायी। आपदा प्रबंधन विभाग को न तो बदरीनाथ केदारनाथ में भारी बर्फबारी की ही जानकारी थी और न ही केदारनाथ में टेंट टूटने यात्रा रोके जाने की ही उनके पास जानकारी थी । इतना ही नहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं कोई सक्षम अधिकारी नहीं रहा मौजूद। जबकि केदारनाथ की सूचना को लेकर मीडिया से उलझते रहे आपदा प्रबंधन के विभागीय आधिकरी। कुल मिलाकर बीते  24 घंटे पुरानी जानकारी के भरोसे आपदा प्रबंधन विभाग ने यह पत्रकार वार्ता बुलाई थी जो हंगामे की भेंट चढ़ गयी।

बारिश और हवाओं के चलते चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थानीय जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया हुआ है। अभी तक किसी भी क्षेत्र में अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने खराब मौसम व चारधाम यात्रा के चलते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मंगलवार सुबह बात की और राज्य के हालातों की जानकारी भी ली। उन्होंने मुख्यमंत्री को हर संभव की मदद मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया है।

वहीँ मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में दो दिन चुनौती भरे हो सकते हैं। चेतावनी जारी की गई है कि ओलावृष्टि के बाद 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। पिछले दिनों कुमाऊं में आंधी से चार लोगों की जान चली गई थी। इसके चलते देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, हरिद्वार, अल्मोड़ा और बागेश्वर में मंगलवार को 12वीं तक स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गढ़वाल मंडल के साथ ही कुमाऊं के कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। हेमकुंड में भी बर्फबारी के चलते यात्रा की तैयारियों के कार्य ठप पड़े हैं। वहीं यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास और बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ के पास भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हो गया है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से बदरीनाथ यात्रियों को पांडुकेश्वर, बद्रीनाथ, जोशीमठ में रोका गया। वहीँ बीती रात चली भयंकर आंधी के चलते अस्थायी देहरादून व आसपास के इलाकों में कई स्थानों पर पेड़ जड़ सहित उखड़ गए है ,जिन्हें मार्ग से किनारे किया जा रहा है।

वहीँ खराब मौसम के चलते कांग्रेस के नेता एवं पूर्व सीएम हरीश रावत सहित, सांसद प्रदीप टम्टा के साथ ही विधायक मनोज रावत बीते दिन केदारनाथ धाम पहुंचे थे उन्हें मंगलवार को लौटना था लेकिन भारी बर्फवारी के चलते वे सब केदारनाथ ही फंस गए हैं। वहां लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर पा रहा है। ऐसे में अब इन नेताओं को वहां मौसम खुलने का इंतजार है।

इधर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए केदारनाथ जाने वाले यात्रियो को सोनप्रयाग व गौरीकुंड मे ही रोक दिया है। मिली जानकारी के अनुसार केदारनाथ में लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते तीन ईंच से अधिक बर्फ जम गई है।

वहीँ मौसम विभाग के स्तर से जारी तूफान और बारिश के अलर्ट का असर चार धाम यात्रा पर भी देखने को मिला है। मंगलवार की सुबह यात्रा पर जाने वाले कई श्रद्धालु मौसम को देखते हुए फिलहाल यही रुक गए है। सयुंक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के द्वारा सोमवार की शाम तक विभिन्न धामों के लिए 85 बसों की एडवांस बुकिंग की गई थी। इन सभी बसों को ऋषिकेश से सुबह रवाना होना था।

वहीँ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से दूरभाष पर वार्ता की। उन्होंने राज्य में वर्षा एवं तूफान जनित स्थिति की जानकारी प्राप्त की। राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।

वहीँ एनडीआरएफ की टीमों को हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद करते हुए अवगत कराया कि राज्य सरकार ने भी मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग और सभी जिला अधिकारी लगातार सुरक्षात्मक उपायों की समीक्षा कर रहे हैं। प्रदेश में एसडीआरएफ की सभी टीमें फुल अलर्ट पर हैं। साथ ही वह स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

प्रदेश भर में तेज बारिश और आंधी तूफान की चेतावनी के चलते जिलाधिकारी टिहरी ने गंगा घाटी में संचालित होने वाली  राफ्टिंग को भी रोकने के निर्देश जारी किए हैं। गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन सोसाइटी के सदस्य देवेंद्र रावत ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी के आदेश प्राप्त हो चुके हैं। आज दोपहर  बाद गंगा में राफ्टिंग का संचालन बंद कर दिया गया।