गज़ब : पौड़ी जिला अस्पताल में 17 डॉक्टरों में से सिर्फ चार डॉक्टर ही ड्यूटी पर

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पोल तब खुली जब अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा ने जब टटोली जिला अस्पताल की नब्ज 

जिला चिकित्सालय के औषधि भंडार में थायराइड की दवा तक नहीं मिली 

चिकित्सालय में दो एमएल की सीरिंज, आइबी माइक्रोसेट के अलावा 24 जून से जिंक टेबलेट भी नहीं

पौड़ी गढ़वाल : पौड़ी जिले में जिला चिकित्सालय जब खुद बीमार हो तो वह मरीजों का क्या इलाज करेगा । इस बात का खुलासा तब हुआ जब अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा मरीज के भेष में अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया तो अस्पताल प्रबंधन की पोल खुल गर्इ। हाल यह था कि 17 डॉक्टरों में से सिर्फ चार डॉक्टर ही ड्यूटी पर थे और चार उपार्जित अवकाश या अन्य कार्य का हवाला देते हुए छुट्टी पर थे, जबकि नौ डॉक्टर गायब थे। एडीएम की ओर से पूरी रिपोर्ट अब जिलाधिकारी को भेजी जा रही है।

पौड़ी के जिला अस्पताल में शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी बड़ी संख्या में उपचार कराने आते हैं। एडीएम रामजी शरण शर्मा ने अस्पताल में मिल रही सुविधाओं को जांचने की सोची और वह कलेक्ट्रेट कर्मचारी की बाइक से आम आदमी की तरह खुद अस्पताल जा पहुंचे। किसी को पता ना चले, इसलिए अपर जिलाधिकारी ने सरकारी गाड़ी भी नहीं ली।

एडीएम सुबह सवा दस बजे करीब सामान्य मरीज की तरह चिकित्सालय पहुंचे और उन्होंने खिड़की से पर्ची भी ली, लेकिन जैसे-जैसे वह अस्पताल के अंदर जाते गए तो सुविधाओं की पोल खुलने लगी। जब वह पैथोलॉजी लैब पहुंचे तो यहां चार के स्थान पर दो ही कार्मिक मिले। इंजेक्शन रूम में कोई भी कर्मी नहीं था। इसके बाद वह ड्रैसिंग रूम पहुंचे तो उन्हें वहां कोई भी कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं मिला, जिससे एडीएम खासा नाराज हुए।

हद तो तब हो गई जब चिकित्सालय के औषधि भंडार में थायराइड तक की दवा नहीं थी। उन्हें पता चला कि पिछले एक महीने से यह दवा नहीं है और ना ही इसकी मांग की गई है। इतना ही नहीं एओक्सलीन, ओफ्लोक्सेन सिरिप भी नहीं था। पता करने पर ज्ञात हुआ कि चिकित्सालय में दो एमएल की सीरिंज, आइबी माइक्रोसेट के अलावा 24 जून से जिंक टेबलेट भी नहीं है।

अव्यवस्थाओं से नाराज एडीएम ने सीएमओ को फोन किया। आकस्मिक कक्ष में निरीक्षण के दौरान एमरजेंसी ट्रे में पूरी दवा भी नहीं मिली। वार्डों के निरीक्षण में भी थर्मामीटर सेबलोन में ना मिलने पर उन्होंने काफी नाराजगी जताई। इतना ही नहीं कई मरीजों की केस सीट पर डॉक्टर की दैनिक चिकित्सीय रिपोर्ट भी दर्ज नहीं मिली। वहीं एडीएम शर्मा ने बताया कि जिला चिकित्सालय में कई खामियां मिली हैं और वह इसकी रिपोर्ट डीएम को भेज रहे हैं।