भाजपा में एक बार फिर बागियों को वापस लेने की तैयारी !

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तो मिलेगा तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी करने वालों को भी न्योता!

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : भारतीय जनता पार्टी लोक सभा चुनाव से पहले भाजपा दिल्ली और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर टिकट न मिलने पर बागी हुए नेताओं को पार्टी में वापस लेने की तैयारी में है इसी क्रम में पार्टी  बागियों से हलफनामा भरवाकर पार्टी में  वापस लौटने का फरमान जारी कर रही है ताकि बागियों के कारन कहीं लोकसभा चुनाव में पार्टी को कोई नुकसान न हो जाय।

हालिया नगर निकाय चुनाव में में भारी बगावत झेल चुकी भारतीय जनता पार्टी अब लोकसभा चुनाव से पहले अपने बागियों की वापसी का कोशिश में है।पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश भाजपा दिल्ली और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अपने बागी नेताओं और कार्यकर्ता को पार्टी में वापस लेने की तैयारी में है। पार्टी के योजनाकारों की योजना यह है कि जो बागी फिर से पार्टी में वापसी चाहते हैं उनसे लिखित हलफनामा लिया जाए कि वे भविष्य में पार्टी अनुशासन नहीं तोड़ेंगे और फिर से बगावत नहीं करेंगे। जो भी बागी पार्टी को लिखकर ये दे देंगे उन्हें पार्टी लचीला रुख दिखाते हुए वापस ले लेगी।

वहीं सूत्रों के मुताबिक वैसे भी नगर निकाय चुनाव में भाजपा संगठन ने बहुत से कार्यकर्ताओं को अनमने तरीके से मजबूरी में तब छह साल के लिए निष्कासित किया है जब वे निकाय चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ खड़े हो गए और नामांकन वापसी की तिथि बीत जाने के बाद भी उन्होंने नाम वापस नहीं लिया। पार्टी की इसके बावजूद कोशिश रही कि जो पार्टी कार्यकर्ता नामांकन कर चुके हैं और नाम वापस नहीं ले रहे उन्हें भी कम से कम इस बात के लिए मना लिया जाए कि वे पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में आ जाएं और खुद के लिए वोट न मांगें या फिर चुनाव में निष्क्रिय हो जाएं। इस रणनीति में भाजपा को कुछ कामयाबी मिली भी लेकिन इसके बावजूद भाजपा को करीब आठ दर्जन बागी नेताओं और कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए पार्टी से मजबूरन निष्कासित करना पड़ा था ।

सूत्रों के मुताबिक इसी के साथ भाजपा की कोशिश यह है कि विधानसभा चुनाव में भी जो लोग बागी हो गए थे उन्हें भी दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया जाए। सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर उतना झगड़ा नहीं होता जितना कि निकाय जैसे जमीनी स्तर के चुनावों में होता है। ऐसे में इनकी वापसी हो जाती है तो भाजपा को लगता है कि इससे उसके सक्रिय कार्यकर्ताओं में बढ़ोतरी हो जाएगी इतना ही नहीं पार्टी का मानना है कि ये सभी कार्यकर्ता दरअसल वैचारिक रूप से भाजपा व आरएसएस की विचारधारा को ही मानने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो इन लोगों में वे नेता भी शामिल हैं जो कुछ दिन पहले देहरादून व ऋषिकेश में बैठकें करके भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के रूप मे तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी हैं।

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