लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के जन्मदिवस पर बही उनके ही गाये गानों की बयार

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‘लोक विरासत-2017’  

जब नेगी जी ने सुने बच्चों से  गले से अपने ही गाये हुए गीत 

बीमारी से उबरने के बाद पहली बार सार्वजनिक मंच पर आये नेगी दा 

समर्थकों व कला प्रेमियों का प्यार खींच लाया नेगी को आयोजन स्थल तक 

देहरादून : ह्रदयघात से उबरने के बाद पहली बार उत्तराखंड के भूपेन हज़ारिका के नाम से प्रसिद्द लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए। मौका भी खास था और दस्तूर भी था उनके जन्म दिवस का इस अवसर पर गढ़ कला सांस्कृतिक संस्था पौड़ी की ओर से लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी के जन्म दिवस पर ‘लोक विरासत-2017’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लगभग एक महीने बीमार रहे श्री नेगी को पहली बार सार्वजनिक मंच पर देख उनकी हर कोई एक झलक पाने को बेताब नजर आया। यही कारण रहा कि आयोजकों को बार-बार उद्घोषणा करनी पड़ी कि मंच पर समर्थक न आयें लेकिन नरेंद्र सिंह नेगी का जूनून था कि लोग खुद भी अपने आप को उनके पास जाने से नहीं रोक पा रहे थे। हालाँकि नेगी दा अभी पूर्णरूप से स्वस्थ नहीं हो पाए हैं लेकिन अपने शुभचिंतकों और अपने समर्थकों द्वारा उनके  जन्मदिवस पर आयोजित इस भव्य आयोजन के इस कार्यक्रम में  आने से वे अपने आप को रोक नहीं पाए।

‘लोक विरासत-2017’ कार्यक्रम की छटा तब और भी सतरंगी हो गई, जब कलाकारों ने नरेंद्र सिंह नेगी के सामने ही उनके गीतों की प्रस्तुति दी। इसके अलावा भी कलाकारों ने लोक गीतों और नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुति दी,साथ ही दर्शंकों ने गढ़ व्यंजनों की खुशबू से पूरा सोशल बलूनी स्कूल का इलाका महकता रहा और लोगों ने इनका स्वाद का भी मज़ा जमकर उठाया। हालाँकि बारिश ने कार्यक्रम में जरुर व्यवधान डाला लेकिन नेगी जी पर आयोजित यह कार्यक्रम जरुर यह सन्देश देने में कामयाब रहा कि श्री नेगी जी के स्वास्थ्य के बारे में हर कोई चिंतित था।

बात है शनिवार की शाम की जब ”गढ़ कला सांस्कृतिक संस्था पौड़ी” और बलूनी सोशल पब्लिक स्कूल द्वारा लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के 68वें जन्म दिवस की संध्या पर आइएसबीटी रोड स्थित बलूनी सोशल पब्लिक स्कूल में आयोजित ‘लोक विरासत-2017’ कार्यक्रम की। जहाँ कार्यक्रम का शुभारंभ लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी व उनकी पत्नी उषा नेगी सहित कार्यक्रम के अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के सोलिसिटर श्री संजय दरमोड़ा शर्मा ने संयुक्त रूप से उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद ”गढ़ कला सांस्कृतिक संस्था पौड़ी” ने नेगी के लोकगायकी के सफरनामे पर प्रकाश डाला। वहीँ लोकगायक विवेक नौटियाल ने ‘जय शंकर, जय-जय शिव शंकर नमो-नमो..’, ‘फुली जाली जाइ भठिणे..’, अनिल बिष्ट ने ‘परसी बटि लगातार, बारी-बारी को बुखार..’ समेत अन्य नेगी के प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों व उनके समर्थकों में समां बांध दिया।

कार्यक्रम के अंत में लोगों को गढ़ व्यंजनों अरसा, फाणु, थिचौंड़ी, तोर, मंडुए की रोटी, झंगोरे की खीर सहित अन्य पहाड़ी व्यंजनों और पहाड़ी उत्पादों को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम में पहुंचे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी नरेंद्र सिंह नेगी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम में कलाकारों की प्रस्तुति के दौरान तेज हवा चलने से स्टेज के पीछे टाइल्स की बनाई दीवार गिर गई। इसमें एक महिला कलाकार घायल हो गई। वहीं, कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। लेकिन बारिश ने कार्यक्रम का आनंद थोड़ा फीका कर दिया। जिसके चलते कार्यक्रम करीब 50 मिनट पहले समाप्त कर देना पड़ा।

कार्यक्रम का संचालन लोक कवि गणेश खुगशाल ”गणि” ने किया जिसमें में लोक गायक प्रीतम भरतवाण, संगीता ढौंडियाल, संस्था के अध्यक्ष त्रिभुवन उनियाल, गणेश खुगशाल, कविलास नेगी, अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव रमेंद्र कोटनाला, सोशल बलूनी स्कूल के निदेशक विपिन बलूनी, अजय जोशी आदि मौजूद रहे।

मसूरी में भी कलाकारों ने मनाया नेगी जी का जन्म दिवस 

गुड़ चौंळ तिल पकोड़े की “मिछोली” परात भर भर कर पारम्परिक रीति रिवाज से मनाया गढ़रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी का जनमबार….

शनिवार बहुत अच्छा रहा मसूरी में गढ़रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी का जन्म दिवस कार्यक्रम, स्वर कोकिला मीना राणा जी को जब पता लगा कि मसूरी में 25  साल से भी अधिक वो पुराने कलाकार साथी श्री नेगी जी का जन्म दिन मसूरी में मना रहे हैं जिनके साथ मीना जी अपने मंचीय गायन की शुरुआत की थी। तो मीना राणा जी भी मसूरी पहुंची। और हम सब ने श्री नेगी जी का जन्मदिन देवभूमि की पौराणिक संस्कृति और परम्परा के अनुसार गुड़ चौंळ और पकोड़ी खूब छककर बांटकर व खाकर मनाया ।

इस अवसर पर लोकगायक जीतेन्द्र पंवार, संस्कृति संरक्षक  मुकेश लाल, लोकगायक व् पत्रकार चंद्रवीर वीर गायत्री, चक्रचाल फिल्म की अभिनेत्री मनीषा मालकोटी, अभिनेता गंभीर ज्याडा, संस्कृति कर्मी बृजेश भट्ट, हास्य कलाकार त्रिलोक चौहान, संगीतकार संजय कुमोला, अनिल गोदियाल, संदीप राणा, मनोज टम्टा, सतीश सरगवान, प्रेम खण्डूरी, मोहसिन अहमद, रजनी गोदियाल, कमलेश भण्डारी, पुष्पा पडियार अनीता पुण्डीर, धर्मपाल पंवार, त्रिलोक राणा, अनीता धनै, प्रमिला पंवार समेत सैकड़ों लोग उपस्तिथत रहे. .. “लोक विरासत संरछक कार्यक्रय” नाम से आयोजित यह कार्यक्रम अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल रहा क्योंकि नेगी जी के पुराने गीतों को इंग्लिश मीडियम व् हिंदी मीडियम के बाल गायक गायिका ने अपने मधुर स्वर में गाकर आयोजन में चार चाँद लगा दिए.